चंडीगढ़, 16 अप्रैल 2025
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा मंगलवार को अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर के सिलसिले में पुलिस के समक्ष पेश हुए। यह एफआईआर उनके “पंजाब में 50 बम पहुंच गए हैं” वाले बयान पर आधारित थी।पार्टी ने पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता का समर्थन किया और सत्तारूढ़ आप सरकार पर निशाना साधते हुए बाजवा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया।राज्य इकाई के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित राष्ट्रीय नेता राज्य नेतृत्व के साथ नियमित संपर्क में हैं और स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा और पार्टी के पदाधिकारी बाजवा के साथ मोहाली साइबर अपराध पुलिस स्टेशन गए।
केवल बाजवा और उनके वकील को ही अंदर जाने की अनुमति दी गई, जबकि नेताओं ने थाने के बाहर धरना दिया और आप सरकार के खिलाफ नारे लगाए तथा उस पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए पुलिस का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बसंल ने भी बाजवा के खिलाफ मामला दर्ज करने की निंदा की।
कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर आप सरकार पर निशाना साधते हुए बादल ने कहा, “यहां तक कि विपक्ष के नेता @Partap_Sbajwa को भी झूठे मामलों से धमकाया जा रहा है। हम विपक्ष के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करके या उन्हें बार-बार पुलिस पूछताछ के अधीन करके उनकी आवाज को दबाने के प्रयासों की निंदा करते हैं।”
बाजवा पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 197(1)(डी) (झूठी और भ्रामक सूचना जो देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालती है) और 353(2) (शत्रुता और घृणा या दुर्भावना पैदा करने के इरादे से झूठे बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले, कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना की और बाजवा ने कहा कि वह उनके खिलाफ आप सरकार की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं।
सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता बाजवा के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यहां पंजाब कांग्रेस मुख्यालय में एकत्र हुए। यहां मीडिया से बात करते हुए वारिंग ने “बिगड़ती” कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर आप सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि राज्य में “जंगल राज” है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस “कठपुतली” की तरह काम कर रही है और अपनी शक्तियों का “दुरुपयोग” कर रही है। उन्होंने कहा, “राज्य में रोजाना लूट और हत्या की घटनाएं हो रही हैं। हथगोले फेंके जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था सुधारने के बजाय, राज्य में मौजूदा हालात पर चिंता जताने वाले विपक्षी पार्टी के नेताओं पर कार्रवाई की जाती है।
वारिंग ने राज्य पुलिस प्रमुख, मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और संबंधित थाना प्रभारी सहित अधिकारियों को आगाह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि वे आप के राजनीतिक दबाव में न आएं और अपने दायित्वों का उल्लंघन न करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी उन प्रत्येक पदाधिकारियों को नहीं भूलती तथा याद रखेगी जिन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को ‘‘धमकाया और सताया’’।
वारिंग ने कहा कि बाजवा के खिलाफ की गई कार्रवाई से पता चलता है कि मुख्यमंत्री “काफी अधीर” थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई थी और उन्होंने बमों के बारे में जानकारी अखबार की रिपोर्ट से ली थी। उन्होंने कहा कि बाजवा डरने वाले नहीं हैं।
आप के इस आरोप का जवाब देते हुए कि बाजवा के पाकिस्तान से संबंध हैं, वारिंग ने कहा कि कांग्रेस नेता के पिता की हत्या कर दी गई थी और वह बम हमले में बच गए थे। मोहाली रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत के दौरान बाजवा ने कहा कि उन्होंने जो मुद्दा उठाया है, वह सभी को चिंतित करता है। बाजवा ने कहा, “आज हर पंजाबी चिंतित है। विस्फोट हो रहे हैं और लोगों को जबरन वसूली के फोन आ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यदि मान को 1992-93 तक पंजाब में जो कुछ हुआ, उसका अंदाजा होता तो उन्हें स्थिति की गंभीरता का एहसास होता। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी गोली चलने की आवाज नहीं सुनी होगी। इसलिए उन्हें कैसे पता चलेगा कि पंजाब में क्या हुआ और पंजाब किस नए खतरे में है। उन्होंने चेतावनी दी कि पंजाब में इस समय स्थिति “बहुत गंभीर और नाजुक” है और हर पंजाबी इसके बारे में चिंतित है।
एफआईआर दर्ज होने के बाद वकील नियुक्त करने को लेकर मान द्वारा उन पर किए गए कटाक्ष का जवाब देते हुए बाजवा ने कहा कि यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है और उन्होंने पूछा कि क्या अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे आप नेता वकील की मदद लिए बिना तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एफआईआर की प्रति अदालत जाने के बाद ही मिल सकेगी।
बाजवा ने कहा कि वह मान से नहीं डरते हैं और उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि अगर मैं जिंदा रहा तो आप (मान) जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।’’ उन्होंने कहा कि उनके पिता ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी, जबकि पंजाब में उग्रवाद के दौर में उन पर बम से हमला किया गया था। उन्होंने कहा, “देश के लिए कुर्बानी देने का हमारा इतिहास रहा है।”
पंजाब पुलिस द्वारा उनके घर पर समन भेजे जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने मान से पूछा कि क्या उन्होंने ड्रग मामलों में बर्खास्त किए गए लोगों और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को एक टेलीविजन चैनल पर साक्षात्कार देने में मदद करने के दोषी पाए गए लोगों को भी इसी तरह के समन जारी किए हैं।
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि मान को थोड़ी नरमी दिखानी चाहिए थी और एफआईआर का आदेश देने के बजाय बाजवा को फोन करके मामले पर चर्चा करनी चाहिए थी। उन्होंने मान को याद दिलाया कि वह कोई ‘स्टेज शो’ नहीं कर रहे हैं, बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर हैं। बाजवा के खिलाफ मोहाली के साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया।
एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में बाजवा ने दावा किया, “मुझे पता चला है कि 50 बम पंजाब पहुंच चुके हैं। इनमें से 18 फट चुके हैं और 32 अभी फटने बाकी हैं।” पंजाब पुलिस की एक टीम रविवार को बाजवा के आवास पर पहुंची और उनके बयान के स्रोत के बारे में पूछताछ की।
कांग्रेस नेता को जारी समन में पुलिस ने बाजवा को उनके खिलाफ दर्ज मामले के सिलसिले में सोमवार दोपहर मोहाली के पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होने को कहा था। हालांकि, बाजवा ने सोमवार को पेश होने में असमर्थता जताते हुए कहा था कि उन्हें रविवार देर रात समन मिला था।