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परिनिर्वाण दिवस पर कांग्रेस की स्मृति सभा : नेता बोले… अंबेडकर की विरासत आज भी राष्ट्र की धड़कन

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजन, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी व अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि दी, उनके बहुआयामी योगदान पर व्यक्त किए विचार

लखनऊ, 6 दिसंबर 2025:

भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थिति प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को स्मृति सभा आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में उपस्थित कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके बहुआयामी योगदान पर विस्तार से विचार व्यक्त किए।

स्मृति सभा में राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि बाबा साहब का पूरा जीवन भारतीय संविधान की मूल भावना समता, स्वतंत्रता और बंधुता को सशक्त बनाने के संघर्ष में बीता। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा अत्यंत आवश्यक हो गई है। ऐसे में डॉ. अंबेडकर के विचार और भी अधिक प्रासंगिक प्रतीत होते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने अपने दूरदर्शी दृष्टिकोण, त्याग और अथक प्रयासों से भारत के भविष्य को आधुनिक और न्यायपूर्ण दिशा प्रदान की। उनके दिखाए मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।

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अनुसूचित जाति विभाग के प्रांतीय चेयरमैन एवं सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने दलितों, शोषितों और वंचित समुदायों की आवाज को न केवल ऊंचा उठाया बल्कि उन्हें सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए। उन्होंने शिक्षा, कानून, राजनीति और संगठनात्मक स्तर पर ऐसे मजबूत हस्तक्षेप किए, जिन्होंने भारतीय समाज की सोच और संरचना में गहरा परिवर्तन किया।

पुनिया ने कहा कि बाबा साहब ने दलित युवाओं के लिए छात्रवृत्ति, छात्रावास और शैक्षणिक मार्गदर्शन की सुविधाओं को बढ़ावा दिया क्योंकि वे मानते थे कि शिक्षा ही समानता का असली आधार है। उन्होंने श्रमिकों के अधिकार, न्यूनतम मजदूरी और श्रम कानूनों को भी मजबूत करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। पुनिया ने कहा कि आरक्षण व्यवस्था के माध्यम से डॉ. अंबेडकर ने सदियों से वंचित समुदायों को समान अवसर की राह दिखाई।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं बल्कि सामाजिक न्याय, मानवाधिकार और शिक्षा के सबसे अग्रणी विचारक भी थे। उन्होंने जीवनभर कमजोर और वंचित तबकों को सम्मान, अधिकार और पहचान दिलाने के लिए संघर्ष किया। इसी के कारण आज भी वे सामाजिक परिवर्तन के सबसे बड़े प्रतीक माने जाते हैं।

स्मृति सभा को राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह, रिटायर्ड आईएएस अफसर अनीस अंसारी, पूर्व मंत्री राजबहादुर, डॉ. लालती देवी सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला, मुकेश सिंह चौहान, रूद्र दमन सिंह बबलू, द्विजेन्द्र त्रिपाठी समेत कई कांग्रेसियों ने बाबा साहब को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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