लखनऊ, 31 जुलाई 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष व चकबंदी मुख्यालय में तैनात बाबू राजकुमार सिंह का शव बुधवार शाम शहीद पथ स्थित उनके प्लाट के कमरे में पड़ा मिला। उनके सिर में गोली लगी थी व हाथ में रिवाल्वर मौजूद था। परिजनों ने उनकी हत्या का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस इसे सुसाइड मानकर चल रही है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह के बेहद करीबी माने जाने वाले राजकुमार सिंह की मौत के कारण व अन्य सवालों के जवाब अभी साफ नहीं हो सके हैं।
मूल रूप से निगोहा के करनपुर में रहने वाले राजकुमार सिंह इस समय आशियाना सेक्टर-जे में रह रहे थे। वो चकबंदी निदेशालय में क्लर्क के पद पर तैनात थे व चकबंदी मिनिस्ट्रियल कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भी थे। उनके भाई पंकज सिंह ने बताया कि भाई राजकुमार बुधवार सुबह करीब दस बजे ड्राइवर अंबेडकरनगर निवासी केशव राम यादव के साथ निकले थे। वह घर से अंसल निवासी दोस्त एलएन ओझा के फ्लैट पर पहुंचे और कुछ देर बातचीत करने के बाद वहां से चले गए। राजकुमार सिंह करीब एक बजे शहीद पथ स्थित विंड क्लब के सामने अपने प्लाट पर पहुंचे। उन्होंने ड्राइवर को कार में ही रोक दिया और खुद प्लाट में बने कमरे में चले गए।
कार में बैठा ड्राइवर राजकुमार सिंह उनके वापस आने का इंतजार करता रहा। इंतजार के बाद करीब पांच बजे उसने उनको फोन भी किया पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। थोड़ी देर के बाद चालक कमरे के अंदर पहुंचा तो राजकुमार सिंह का खून से लथपथ शव पड़ा था। उनके दाहिने हाथ में रिवाल्वर मौजूद थी। खबर पाकर परिजन व पुलिस के अधिकारी भी पहुंच गए। फॉरेंसिक जांच के बाद पुलिस ने रिवाल्वर को अपने कब्जे में ले लिया।
मौत के मामले में भाई पंकज व परिजनों ने कहा कि वो सुसाइड नहीं कर सकते। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है हालांकि किसी आरोपी का नाम नहीं बताया है। वहीं पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है। परिजनों का कहना है कि राजकुमार सिंह के पास लाइसेंसी असलहा नहीं था। उसके पास असलहा कहां से आया किसी को कुछ नहीं पता। मौत की सूचना पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह, पूर्व राज्यमंत्री राणा अजीत सिंह भी मौके पर पहुंचे।