लखनऊ, 14 जुलाई 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित ठाकुरगंज क्षेत्र में युवक की नाले में बह जाने से मौत हो गई थी। इस मामले में मृतक की पत्नी द्वारा स्थानीय पार्षद पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सोमवार को इसी के खिलाफ पार्षदों ने प्रदर्शन किया और मुकदमा वापस लेने की मांग की। मेयर सुषमा खर्कवाल से वार्ता के बाद धरना खत्म हुआ।
बता दें कि शनिवार को ठाकुरगंज इलाके में मंजू टण्डन ढाल के निकट बहने वाले नाले में सुरेश पेंटर गिर गया था। दूसरे दिन उसका शव एक किमी दूर मिला था मामला सुर्खियों में आया तो सीएम ने भी संज्ञान लिया। इसके बाद जेई रमन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया था। दूसरे सहायक अभियंता को नोटिस जारी किया गया था। वहीं नाला कवर्ड न मिलने पर फर्म के ठेकेदार पर केस दर्ज किया गया। इसी मामले में मृतक सुरेश की पत्नी रेनू ने स्थानीय सभासद सीबी सिंह के खिलाफ ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
इसी बात को लेकर अन्य पार्षद नाराज हो उठे और सोमवार को नगर निगम मुख्यालय पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे पार्षदों ने नगर आयुक्त गौरव कुमार पर गंभीर आरोप लगाए और पार्षद पर दर्ज मुकदमे को वापस करने की मांग की। प्रदर्शन कर रहे पार्षदों ने कहा नगर निगम प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा एक निर्दोष युवक को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा है, लेकिन आरोप जिम्मेदार अधिकारियों के बजाय दोष एक जनप्रतिनिधि पर मढ़ा जा रहा है।
पार्षदों ने कहा कि नाले की सफाई, मरम्मत और कवर करने की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है, न कि पार्षदों की। पार्षद बार-बार ज्ञापन देते हैं और जनता की समस्याएं उठाते हैं, लेकिन प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता, तो ऐसी घटनाएं घटती हैं। मेयर सुषमा खर्कवाल ने मौके पर आकर पार्षदों को बातचीत का आश्वासन देते हुए धरना खत्म करने की अपील की। उन्होंने एफआईआर वापस लेने का भरोसा दिलाया। इसके बाद दफ्तर में पार्षदों से वार्ता की। वार्ता में आश्वासन मिलने पर धरना खत्म हुआ।