
नई दिल्ली, 26 मई 2025
बीते साल खतरनाक बीमारी से निकलने के बाद दुनिया में दोबारा से नए वैरिएंट के सामने आने से एक बार फिर देश में कोरोना महामारी अपने पैर पसार रही है। बीते कुछ दिनों में इस बीमारी की चपेट में कई लोग आ चुके हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, सोमवार, 26 मई को सुबह 8 बजे तक भारत में कोविड-19 के 1009 सक्रिय मामले दर्ज किए गए। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और निकायों ने घबराने की सलाह नहीं दी है और सावधानी बरतने का आग्रह किया है। केरल में सबसे अधिक 430 सक्रिय कोविड-19 मामले सामने आए, उसके बाद महाराष्ट्र में 209 और दिल्ली में 104 मामले हैं। गुजरात में 83, तमिलनाडु में 69 और कर्नाटक में 47 सक्रिय मामले हैं।
उल्लेखनीय सक्रिय मामलों वाले अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश (4), छत्तीसगढ़ (1), गोवा (1), हरियाणा (9), मध्य प्रदेश (2), राजस्थान (13), तेलंगाना (1), उत्तर प्रदेश (15) और पश्चिम बंगाल (12) शामिल हैं। पुडुचेरी में 9 सक्रिय मामले सामने आए, जबकि सिक्किम में 1 सक्रिय मामले सामने आए। शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोई भी सक्रिय मामला सामने नहीं आया, जिससे यह संकेत मिलता है कि उन क्षेत्रों में कोविड-19 का प्रसार काफी कम हुआ है। 19 मई से अब तक राज्य भर में 7 मौतें हुई हैं, जिनमें महाराष्ट्र में 4, केरल में 2 और कर्नाटक में एक मौत शामिल है।
फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं-विशेषज्ञ
देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष और बाल रोग विशेषज्ञ जनक पुरी ने आईएएनएस से कहा, “भारत के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। हम निगरानी बढ़ाने और लोगों में जागरूकता बढ़ाने की सलाह देते हैं।” उन्होंने लोगों से “भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क का उपयोग करने और स्वच्छता बनाए रखने” जैसी सरल सावधानियां बरतने का आग्रह किया।
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के डॉ. अमरजीत सिंह पोपली ने भी घबराए बिना सावधानी बरतने का आह्वान किया। पोपली ने आईएएनएस से कहा, “भारत में कोविड-19 मामलों में हालिया वृद्धि से घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारी और दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं।” विशेषज्ञ ने बताया कि वर्तमान वृद्धि ओमिक्रॉन और इसके उप-संस्करण जेएन.1 के वंशजों से जुड़ी हुई है, जिन पर “बारीकी से नजर रखी जा रही है”। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में JN.1 कोविड वैरिएंट के NB.1.8.1 और LF.7 वंशज देश में SARS-CoV-2 मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।