लखनऊ, 12 नवंबर 2025:
दिल्ली ब्लास्ट धमाके की जांच आगे बढ़ने के साथ नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। अब जांच एजेंसियों की निगाहें लखनऊ की डॉक्टर शाहीन पर टिक गई हैं। ये वही शाहीन है जो कभी कानपुर के जीएसवी मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी विभाग की जानी-मानी प्रवक्ता थी। साल 2013 में वह रहस्यमयी तरीके से नौकरी छोड़कर लापता हो गई थी।
कॉलेज प्रशासन ने तब कई बार नोटिस भेजे लेकिन शाहीन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। आखिरकार 2021 में शासन ने उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया। इस बीच अब उसके आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद जीएसवीएम से लेकर पूरे मेडिकल जगत और लखनऊ में हड़कंप मचा है।
मेडिकल कॉलेज के रिकॉर्ड के मुताबिक शाहीन ने 2003 में प्रयागराज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और 2005 में एमडी किया था। 2006 में उसका चयन लोक सेवा आयोग के जरिए हुआ और उसने जीएसवी मेडिकल कॉलेज में प्रवक्ता पद संभाला। इस बीच में उसका तबादला कन्नौज मेडिकल कॉलेज में हुआ लेकिन वह कुछ महीनों बाद वापस कानपुर लौट गई।
वर्ष 2013 में अचानक शाहीन ने कॉलेज जाना बंद कर दिया। नोटिसों के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। नौकरी से हटाए जाने के बाद भी उसने कॉलेज से अनुभव प्रमाणपत्र मांगा था, जिसमें डॉ. शाहीन ने अपना पता लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के एक डॉक्टर के नाम पर दिया।
जानकारी के मुताबिक शाहीन के पति डॉ. हयात जफर पीएमएस कैडर के नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। शाहीन से उनका 2015 में तलाक हो गया था। तलाक के बाद शाहीन फरीदाबाद चली गईं जहां उसकी मुलाकात डॉ. मुजम्मिल से हुई। वह अल फलह यूनिवर्सिटी में कार्यरत था। यहीं से शाहीन के जीवन की दिशा पूरी तरह बदल गई।
अब दिल्ली धमाके में उसका नाम जुड़ने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि एक मेधावी डॉक्टर आखिर कैसे भटकी और आतंकी जाल में फंस गई? जांच एजेंसियां अब शाहीन के पिछले दशक के गतिविधियों की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।






