नई दिल्ली, 22 फरवरी 2025
दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनके मंत्रिपरिषद के लिए नए सरकारी आवास की तलाश शुरू हो गई है, क्योंकि वह पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास 6 फ्लैगस्टाफ रोड बंगले में नहीं रहेंगी।
कथित भ्रष्टाचार के लिए भाजपा द्वारा “शीश महल” करार दिए गए इस बंगले में केजरीवाल 2015 से पिछले साल अक्टूबर के पहले सप्ताह तक दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में रहे थे।
दिल्ली की मौजूदा सीएम के पास अभी तक कोई स्थायी सरकारी आवास नहीं है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद रेखा गुप्ता पिछले दो दिनों से दिल्ली सचिवालय में अलग-अलग विभागों के साथ बैठकें कर रही हैं।
फिलहाल वह शालीमार बाग स्थित अपने निजी आवास में रह रही हैं। चूंकि वह 6 फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले में नहीं रहेंगी, इसलिए वैकल्पिक आवास की तलाश शुरू हो गई है। सीएम रेखा गुप्ता के लिए सरकारी आवास अभी तय नहीं हुआ है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी तो उनका सीएम शीश महल में नहीं रहेगा। गुप्ता ने भी अब साफ कर दिया है कि वह विवादित संपत्ति में नहीं रहेंगी।
इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय सतर्कता आयोग ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग को 6, फ्लैगस्टाफ रोड बंगले के विस्तार के लिए संपत्तियों के कथित विलय और इसके आंतरिक सज्जा पर हुए व्यय की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया था।
ऐसे में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री गुप्ता को उनके सरकारी आवास को लेकर कुछ विकल्प दिए हैं। इनमें सिविल लाइंस स्थित सरकारी बंगला, दरियागंज रोड स्थित बंगला और मथुरा रोड स्थित एक अन्य बंगला शामिल है। हालांकि, इनमें से किस सरकारी भवन में रहना चाहती हैं, इस पर अंतिम फैसला सीएम गुप्ता को लेना होगा।
दिल्ली में अन्य राज्यों की तरह मुख्यमंत्री और मंत्रियों के रहने के लिए कोई स्थायी सरकारी आवास निर्धारित नहीं है। ऐसे में जब भी सत्ता परिवर्तन होता है तो सरकारी आवास का आवंटन बड़ा मुद्दा बन जाता है। आम आदमी पार्टी सरकार में सभी मंत्री राज निवास रोड स्थित लोक निर्माण विभाग के सरकारी बंगले में रह रहे थे, क्योंकि यह दिल्ली विधानसभा के करीब है।
अभी तक दिल्ली के ज्यादातर मंत्री सिविल लाइंस स्थित बंगले में रह रहे हैं। अब 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा की सत्ता में वापसी हुई है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री और मंत्री अपने नए आवास का चयन करने में समय ले रहे हैं।
2013 में जब केजरीवाल पहली बार सीएम बने थे, तब वे तिलक मार्ग स्थित सरकारी आवास में रह रहे थे। 2015 में जब पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, तो वे सिविल लाइंस में फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी बंगले में शिफ्ट हो गए और इसी सरकार के कार्यकाल में उन्होंने उस बंगले में सौंदर्यीकरण का काम करवाया, जिस पर विवाद हुआ। केजरीवाल से पहले लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं कांग्रेस नेता शीला दीक्षित मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहती थीं।