
गोरखपुर, 15 अक्टूबर 2024:
हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर में सिपाही और डॉक्टर के बीच हुई मारपीट के मामले में पुलिस अब अपने ही विभाग के खिलाफ नजर आ रही है। रिटायर्ड IPS अमिताभ ठाकुर, जो आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। वह कैंट थाने पर अनिश्चितकालीन धरना देने के लिए गोरखपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने डॉक्टर अनुज सरकारी के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग की थी।
अमिताभ ठाकुर ने गोरखपुर पहुंचकर रेलवे स्टेशन के पास स्थित सिंचाई विभाग के डाक बंगला में ठहरने का निर्णय लिया था। आज सुबह, जब वह धरने के लिए कैंट थाने पहुंचने वाले थे, तब पुलिस ने वहां पहुंचकर उन्हें नजरबंद कर दिया। उनके समर्थकों को भी अंदर जाकर उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है।
अमिताभ ठाकुर का बयान
अमिताभ ठाकुर ने एक वीडियो जारी कर बताया, “मैं रेलवे स्टेशन के पास स्थित सिंचाई विभाग के डाक बंगला में ठहरा हुआ हूं, लेकिन गोरखपुर पुलिस ने इसे छावनी में तब्दील कर दिया है। फिलहाल, मैं पुलिस-प्रशासन के अगले निर्देशों का इंतजार कर रहा हूं।”
जबरिया खाली कराया जा रहा डाक बंगला
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें जबरिया डाक बंगला खाली कराने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर-सिपाही विवाद में पीड़ित सिपाही की ओर से FIR दर्ज कराने के लिए कैंट थाने के सामने अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन होना तय था।
पार्टी के जिला अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार ने कहा कि अमिताभ ठाकुर को उस कमरे में रहने की अनुमति दी गई थी, लेकिन इसके कुछ ही समय बाद उन्हें वहां से बाहर जाने के लिए मजबूर किया गया। अमिताभ ने इस स्थिति को अत्यंत दुखद और अधिकारों का खुला दुरुपयोग बताया है।
कैंट इंस्पेक्टर द्वारा धमकी
इससे पहले, अमिताभ ठाकुर ने कैंट पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें इंस्पेक्टर कैंट द्वारा धमकी दी गई थी। उन्होंने यूपी के DGP को शिकायत भेजकर अस्पताल कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की थी।
MLC देवेंद्र प्रताप का मोर्चा
भाजपा के MLC देवेंद्र प्रताप सिंह ने भी इस मामले में सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने टाउन हॉल महात्मा गांधी प्रतिमा के समक्ष अनशन करते हुए डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा, “यह समझ से परे है कि एक ऐसे डॉक्टर को सत्ता का संरक्षण कैसे मिल रहा है, जो कानून का उल्लंघन कर रहा है।”
सिपाही की पत्नी की भावनात्मक अपील
अनशन के दौरान, सिपाही पंकज की पत्नी ने भी न्याय की मांग की। उन्होंने भावनात्मक लहजे में कहा, “हमें न्याय चाहिए।” इस अनशन में क्षत्रीय महासभा और व्यापारी संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए, जिन्होंने डॉक्टर और उनके कर्मचारियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
सभी की एकजुट मांग
सभी संगठनों की एक ही मांग है कि जिला प्रशासन कार्रवाई करे और सिपाही पंकज को न्याय दिलाने के लिए डॉक्टर और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे।
गोरखपुर में डॉक्टर अनुज सरकारी और निलंबित सिपाही पंकज कुमार के बीच हुई इस मारपीट का मामला अब राजनीति के अखाड़े में तूल पकड़ चुका है। 3 अक्टूबर को इस विवाद के दौरान डॉक्टर के बाउंसरों और कर्मचारियों ने सिपाही पंकज के साथ बर्बरता की थी, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पंकज को जेल भेज दिया।
अब सभी संगठनों की एकजुट मांग है कि जिला प्रशासन कार्रवाई करे और सिपाही पंकज को न्याय दिलाने के लिए डॉक्टर और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे।