लखनऊ, 2 दिसंबर 2025:
कोडीनयुक्त कफ सिरप की तस्करी में लिप्त सिंडिकेट से जुड़ा व लंबे समय से फरार चल रहा बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह आखिरकार यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में आ गया। मंगलवार को एसटीएफ ने उसे राजधानी लखनऊ से ही गिरफ्तार किया। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि आलोक सिंह कोर्ट में आत्मसमर्पण करने की तैयारी कर रहा था और इसके लिए उसने लखनऊ की अदालत में अर्जी भी दाखिल की थी। मगर, रिपोर्ट पेश होने से पहले ही एसटीएफ ने इनपुट के आधार पर उसे पकड़ लिया।
कफ सिरप तस्करी मामले में पिछले एक सप्ताह से एसटीएफ लगातार उसकी तलाश में जुटी थी। सोमवार को उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया, जिसके बाद कई ठिकानों पर दबिशें दी गईं। सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ को कुछ अहम इनपुट मिले थे, जिनके आधार पर उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी।
आलोक सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब ईडी और एसटीएफ संयुक्त रूप से उससे पूछताछ करेंगे। ईडी को आशंका है कि करीब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस अवैध कारोबार में मनी लॉन्ड्रिंग के कई सबूत मिल सकते हैं। उसकी बैंक डिटेल्स, विदेश यात्राओं और संपर्कों की जांच भी की जाएगी।
बता दें कि आलोक सिंह पहले से ही गाजियाबाद में दर्ज एक एफआईआर में नामजद था। इसके अलावा लखनऊ में चल रही कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी की जांच में भी उसका नाम सामने आया था। एसटीएफ के अनुसार, वह तस्करी करने वाले सिंडिकेट को संरक्षण देने में शामिल रहा है और जांच के दौरान कई पुख्ता सबूत मिले हैं।
जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि आलोक सिंह से पूछताछ में दुबई के जरिए चल रहे तस्करी नेटवर्क के कई राज खुल सकते हैं। उसके रियल एस्टेट कारोबार, फर्जी कंपनियों और नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। सूत्रों का कहना है कि कुछ प्रभावशाली और सफेदपोश लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं, जो इस अवैध धंधे को शह दे रहे थे।






