
नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2025
प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को कहा कि उसने 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किए हैं, जिन्हें उसने कांग्रेस नियंत्रित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच में कुर्क किया था।
संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने शुक्रवार को दिल्ली में आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस , मुंबई के बांद्रा इलाके में स्थित परिसरों और लखनऊ में बिशेश्वर नाथ रोड स्थित एजेएल भवन पर ये नोटिस चिपकाए हैं। नोटिस में परिसर को खाली कराने या किराया (मुंबई संपत्ति के मामले में) प्रवर्तन निदेशालय को हस्तांतरित करने की मांग की गई है।
यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा (8) और नियम 5(1) के तहत की गई है, जिसमें ईडी द्वारा कुर्क की गई और न्यायाधिकरण (पीएमएलए) द्वारा पुष्टि की गई संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया है।
इन अचल संपत्तियों को ईडी ने नवंबर 2023 में कुर्क किया था। ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग का मामला एजेएल और यंग इंडियन के खिलाफ है।
नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन एजेएल द्वारा किया जाता है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के बहुसंख्यक शेयरधारक हैं, जिनमें से प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं।
ईडी ने आरोप लगाया, “यंग इंडियन और एजेएल की संपत्तियों का इस्तेमाल 18 करोड़ रुपये के फर्जी दान, 38 करोड़ रुपये के फर्जी अग्रिम किराए और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों के रूप में अपराध की आगे की आय अर्जित करने के लिए किया गया।”






