
अंबेडकरनगर, 23 फरवरी 2025:
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जनपद में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की जमीन को धोखाधड़ी से बेचने का मामला सामने आया है। जमीन के खरीदारों द्वारा निर्माण के लिए नींव की खुदाई शुरू करने पर केयरटेकर को पता चला। जिला प्रशासन और पुलिस से शिकायत के बाद निर्माण रुकवाकर जमीन से संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
आलापुर क्षेत्र में है 50 लाख की जमीन

मामला आलापुर तहसील के रामनगर महुवर गांव का है, जहां 0.152 हेक्टेयर भूमि दिग्विजय सिंह के नाम दर्ज है। यह जमीन पहले उनकी मां के नाम थी, जो उनके निधन के बाद दिग्विजय सिंह के नाम हो गई। इस जमीन की कीमत 50 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।
निर्माण कार्य रुकवाया, जांच कर रहे अधिकारी
बताते हैं कि दिग्विजय सिंह ने इस जमीन का अधिकार पत्र मकरही रियासत के नृपेंद्र शाह के नाम जारी किया था। जमीन पर गत दिवस नींव के लिए खुदाई शुरू हुई, तो केयरटेकर अनिल यादव को पता चला और उसने पूर्व मुख्यमंत्री को सूचना दी। उनकी शिकायत पर जिला प्रशासन ने निर्माण कार्य रुकवा दिया। अधिकारियों का कहना है कि जमीन से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। यदि जमीन को धोखाधड़ी से बेचे जाने की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कैसे हुई धोखाधड़ी?
केयरटेकर अनिल यादव के अनुसार हंसवर के ग्राम क्वेटला निवासी रामहरक चौहान ने 1989 में खुद को मुख्तार-ए-आम (पॉवर ऑफ अटॉर्नी धारक) दिग्विजय सिंह बताकर इस जमीन को जियालाल, राजबहादुर और मंगली निवासी रामनगर महुवर के नाम बैनामा कर दिया था। अब इन्हीं खरीदारों ने जमीन पर निर्माण कराने की कोशिश की।