
गुजरात, 22 अक्टूबर 2024:
गुजरात में न्यायपालिका को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पिछले पांच वर्षों से एक फर्जी अदालत का संचालन हो रहा था।
इस नकली अदालत में न केवल जज और वकील नकली थे, बल्कि कोर्ट स्टाफ भी पूरी तरह से फर्जी था। यह मामला यह दर्शाता है कि नकली अधिकारी, दरोगा, सिपाही और आईपीएस जैसे फर्जी तंत्र अब पुरानी बातें हो गई हैं, जिन्हें पकड़ना तो अब एक आम बात बन गई है।
गुजरात के एक व्यक्ति ने तो पूरी न्यायपालिका को ही नकली बना दिया था। अब, इस मामले की जांच में सामने आया है कि वहां एक नकली सरकारी कचहरी चल रही थी, जहां जज भी पूरी तरह से नकली थे।
विशेष रूप से एक नकली जज, जिसका नाम मॉरिश क्रिश्चिन है, ने विवादित ज़मीन से संबंधित कई आदेश दिए। ये आदेश कुछ ऐसे भी थे जो जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से भी पास हो गए थे।
जब एक नए आदेश के खिलाफ विपक्षी पक्ष कोर्ट पहुंचा, तब पूरी सच्चाई उजागर हुई। इस खुलासे ने न केवल न्यायपालिका के प्रति लोगों के विश्वास को हिलाकर रख दिया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे कोई व्यक्ति कानून की आँखों में धुल झोंककर न्याय को भी बेच सकता है।
अब जांच एजेंसियां इस फर्जी अदालत के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए आगे बढ़ रही हैं।
यह घटना न केवल कानून और व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह समाज में एक गंभीर चेतावनी भी है कि सभी को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो सके।