
बाराबंकी, 26 मार्च 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक फूड ऑयल फैक्ट्री को मालिक की ओर से फर्जी लेटर तैयार कर बाराबंकी में कबाड़ के थोक व्यापारी को बेच दी। मामला तब खुला जब असली मालिक ने बताया कि ये लेटर उसका नहीं है। इस सौदेबाजी में 25 लाख हड़प लिए गए। आरोपी राजाजीपुरम निवासी दम्पति समेत चार साथियों पर कोतवाली शहर में मंगलवार की देर रात जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया में बंद पड़ी फैक्ट्री का फर्जी दस्तावेजों के सहारे किया सौदा
बाराबंकी में कोतवाली शहर क्षेत्र के नई बस्ती पीरबटावन निवासी दिलशाद कबाड़ (स्क्रैप) का थोक व्यापार करता है। पल्हरी चौराहा स्थित उसकी दुकान पर लखनऊ राजाजीपुरम निवासी अभिषेक कुमार निगम व चित्रांश श्रीवास्तव, एसके सिंह पहुंचे। इन लोगों ने बताया कि लखनऊ अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया में श्याम वनस्पति ऑयल लिमिटेड की फैक्ट्री स्क्रैप में बेचनी है। अभिषेक ने अपने नाम जारी एग्रीमेंट व डायरेक्टर का सहमति पत्र कागजात उसको दिखाया। दिलशाद का आरोप है कि उसने बड़ा सौदा देख कागजों पर भरोसा कर दस लाख कैश और 15 लाख आरटीजीएस कर दिया। गवाहों के साथ एमओयू साइन हुआ।
डायरेक्टर ने बताया, कंसेंट लेटर पर उसके साइन नहीं तो खुला राज
इसके बाद अभिषेक ने फैक्ट्री की डायरेक्टर अभिहिता मिश्रा की ओर से जारी सहमति पत्र दे दिया। वो लेटर लेकर बंद फैक्टरी पहुंचा तो डायरेक्टर अभिहिता मिश्रा से बात करने पर पता चला उसके द्वारा जारी सहमति पत्र फर्जी है। ये भी पता चला कि अभिषेक निगम व उसकी पत्नी स्वाती निगम, एसके सिंह व चित्रांश श्रीवास्तव ने डायरेक्टर के फर्जी साइन से सहमति पत्र तैयार कराया गया। दिलशाद का आरोप है कि अब उसे न स्क्रैप का माल मिला न ही 25 लाख वापस मिल रहे हैं। यही नहीं उसे भरोसा दिलाकर सहमति पत्र व एग्रीमेंट लेटर ले लिए। बार बार धमकी देकर अपने मोबाइल नम्बर भी बदल रहे हैं। पुलिस ने मंगलवार की देर रात दर्ज हुए इस मामले की जांच शुरू कर दी है।








