अंशुल मौर्य
वाराणसी, 26 अप्रैल 2025:
वाराणसी शहर में शनिवार को उस समय तनावपूर्ण हालात बन गए, जब अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू विधायक पल्लवी पटेल अधिवक्ता के बेटे हेमंत पटेल की हत्या के विरोध में प्रधानमंत्री संसदीय जनसंपर्क कार्यालय का घेराव करने निकलीं। पुलिस ने भेलूपुर स्थित आईपी मॉल के पास बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया, जिसके बाद पल्लवी पटेल गुस्से में बैरिकेडिंग पर चढ़ गईं और DCP व ACP से तीखी बहस हुई।
पल्लवी ने कहा, “मुझे उस पार जाना है, सामने से हटो!” जब पुलिस ने रास्ता नहीं दिया, तो वे सड़क पर धरने पर बैठ गईं। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी मौजूद थे। यह प्रदर्शन 22 अप्रैल को 12वीं के छात्र हेमंत पटेल की हत्या को लेकर किया गया। हेमंत का शव ज्ञानदीप स्कूल के प्रबंधक के घर में बने एक कमरे से बरामद हुआ था। आरोप है कि स्कूल प्रबंधक के बेटे यजुवेंद्र सिंह उर्फ रवि ने उसे गोली मारी। वारदात के समय हेमंत के दो दोस्त, शशांक और किशन भी मौके पर मौजूद थे। तीनों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
पल्लवी पटेल ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई और स्कूल प्रबंधक का नाम जानबूझकर शामिल नहीं किया गया, क्योंकि उसके संबंध सत्तारूढ़ भाजपा से हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी को थाने से जेल तक ले जाते समय ‘VIP ट्रीटमेंट’ दिया गया, जिससे पीड़ित परिवार आक्रोशित है।
पल्लवी ने चेतावनी दी कि अगर शाम 6 बजे तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे अगले दिन बड़ा आंदोलन करेंगी। उन्होंने कहा कि एक विपक्षी नेता होने के नाते जनता की आवाज़ उठाना उनका कर्तव्य है और प्रशासन की भूमिका शुरू से संदिग्ध रही है।