
अशरफ अंसारी
इटावा, 15 दिसंबर 2024:
यूपी के इटावा के इस्लामियां इंटर कॉलेज में रविवार को आयोजित हिंदी सेवा निधि के 32वें वार्षिक अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल शामिल हुए।
कार्यक्रम में ओम बिरला ने कहा कि हर देश की एक विशिष्ट भाषा होती है, जो उसकी पहचान होती है। ठीक वैसे ही भारत की पहचान हिंदी है। हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि देश की अखंडता और एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पहले भारतीय न्यायालयों में सारे कार्य अंग्रेजी में होते थे। अब न्यायालयों का काम 22 भाषाओं में होता है, जिनमें हिंदी भी शामिल है। यह हिंदी के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
‘दुनिया में हिंदी का लगातार बढ़ रहा प्रभाव’
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज कल तकनीकी और वैश्विक मंचों पर हिंदी का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब विदेश में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हैं, तो वह हिंदी में बात करते हैं ताकि हिंदी को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके। उनका मानना है कि हिंदी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना स्थान मिलना चाहिए, जिससे इसकी महत्ता को और बल मिले।
ओम बिरला ने आगे कहा कि हम सभी को आने वाली पीढ़ी को यह समझाना चाहिए कि हिंदी हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है। इसे संजोने और बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि यह भाषा आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण धरोहर बनी रहे।






