दिल्ली, 6 दिसंबर 2025 :
इंडिगो एयरलाइन के लगातार बढ़ते संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने चार दिनों बाद आज पहली बार सख्त रुख अपनाया है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (MoCA) ने इंडिगो को निर्देश जारी किया है कि रविवार रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को कैंसिल टिकट का पूरा रिफंड दिया जाए। इसके अलावा यात्रियों का अटका हुआ लगेज 48 घंटों के भीतर उन्हें सौंपने का आदेश भी दिया गया है।सरकार ने अन्य एयरलाइनों को चेतावनी दी है कि वे इस स्थिति का फायदा उठाकर फेयर न बढ़ाएं, साथ ही नए किराया सीमा भी लागू कर दी है-500 किमी तक ₹7,500, 500-1000 किमी तक ₹12,000, 1000-1500 किमी तक ₹15,000 और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए अधिकतम ₹18,000। यह नियम इकोनॉमी क्लास पर लागू होगा, बिजनेस क्लास इस दायरे से बाहर है।
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक देश के 4 बड़े एयरपोर्ट-दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु से इंडिगो की 400 से ज्यादा फ्लाइटें रद्द की जा चुकी हैं। चार दिन में यह संख्या 2,000 पार कर गई है, जबकि रोजाना करीब 500 फ्लाइट्स देरी से उड़ान भर रही हैं।
इंडिगो में चल रही स्टाफ की भारी कमी की असली वजह नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के वे नियम हैं जो 1 नवंबर से लागू हुए। DGCA ने पायलटों और क्रू मेंबर्स के काम और आराम के घंटों को लेकर कड़े बदलाव किए थे, जिन्हें फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) कहा जाता है। इसका दूसरा चरण नवंबर में लागू हुआ, जिसमें क्रू को अधिक आराम देने पर जोर दिया गया। सुरक्षा के लिहाज से तो यह जरूरी था, लेकिन इससे इंडिगो में अचानक पायलट और स्टाफ की उपलब्धता कम हो गई, जो मौजूदा संकट की मुख्य वजह मानी जा रही है। हालांकि DGCA ने अब एयरलाइंस को 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी राहत दे दी है और ‘वीकली रेस्ट के बदले छुट्टी न देने’ वाले नियम को वापस ले लिया है। इसके बावजूद इंडिगो अपने ऑपरेशन को स्थिर करने में संघर्ष कर रही है।
इसी बीच, बड़े एक्शन की संभावना भी बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को हटाने की मांग कर सकती है। एविएशन मंत्रालय आज इंडिगो के टॉप अधिकारियों के साथ बैठक करने वाला है और एयरलाइन पर भारी जुर्माना लगाए जाने की भी चर्चा है। लगातार बढ़ते संकट के कारण यह भारत के एविएशन इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशनल ब्रेकडाउन माना जा रहा है।






