
भोपाल, 6 जून 2025
वरिष्ठ भाजपा नेता और मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय वैसे तो हमेशा अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहते है, वो एक बार फिर इसी बयान-बाजी के चलते फिर से विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। इस बार उनके व्दारा महिलाओं के कपड़ों को लेकर की गई अजीब टिप्पणी से फिर एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
दरअसल, इंदौर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए विजयवर्गीय ने कहा, “मुझे ऐसी लड़कियां पसंद नहीं हैं जो छोटे कपड़े पहनती हैं।” पश्चिमी संस्कृति का उल्लेख करते हुए शहरी विकास मंत्री ने कहा, “पश्चिम में कम कपड़े पहनने वाली महिला को सुंदर माना जाता है। मैं इससे सहमत नहीं हूं। यहां भारत में हम एक लड़की को सुंदर मानते हैं जब वह अच्छे कपड़े पहनती है, गहने पहनती है और खुद को सुंदर ढंग से सजाती है।” उन्होंने यह टिप्पणी छोटे भाषणों और छोटे परिधानों के बीच तुलना करते हुए की। उन्होंने कहा, “पश्चिमी देशों में एक कहावत है कि जो महिला कम कपड़े पहनती है, वह बहुत सुंदर मानी जाती है, ठीक उसी तरह जैसे कम बोलने वाला नेता अच्छा माना जाता है। लेकिन मैं इस पर विश्वास नहीं करता। मेरा मानना है कि महिला देवी का रूप होती है। उसे अच्छे कपड़े पहनने चाहिए। मुझे खुले कपड़े पहनने वाली महिलाएं आकर्षक नहीं लगतीं।” उन्होंने कहा, “कभी-कभी लड़कियां मेरे साथ सेल्फी लेने आती हैं। मैं उनसे कहता हूं – ‘बेटा, अगली बार ठीक कपड़े पहनकर आना, फिर हम फोटो खिंचवाएंगे।’
VIDEO | Here is what MP Minister Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline ) says on women who wear skimpy clothes: “I believe women should dress beautifully in Indian attire, as it is highly regarded in our culture. But, in some other countries, women who wear less clothes are often… pic.twitter.com/3FhKERsHNX
— Press Trust of India (@PTI_News) June 5, 2025
वैसे यह कोई पहली बार नहीं है जब विजयवर्गीय ने अपने बयानों से लोगों को परेशान किया हो। 2022 में इंदौर में हनुमान जयंती के एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए उन्होंने कहा था: “मैं हनुमान जयंती पर झूठ नहीं बोलूंगा… लेकिन आजकल लड़कियां ऐसे गंदे कपड़े पहनती हैं… हम महिलाओं को देवी कहते हैं, लेकिन वे उस तरह नहीं दिखतीं… वे शूर्पणखा (हिंदू पौराणिक कथाओं की एक राक्षसी) जैसी दिखती हैं। भगवान ने आपको सुंदर शरीर दिया है, कम से कम अच्छे कपड़े तो पहनिए। अपने बच्चों को संस्कार सिखाइए”।






