मुंबई, 15 अगस्त 2025
टीम इंडिया के धाकड़ सलामी बल्लेबाज सहवाग ने एक दिलचस्प बात का खुलासा किया है। सहवाग ने बताया कि 2008 में जब तत्कालीन भारतीय वनडे कप्तान धोनी ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया था, तब वह वनडे फॉर्मेट को अलविदा कहना चाहते थे। लेकिन जब सचिन ने मना कर दिया तो उन्होंने अपना इरादा बदल दिया, यह बात नजफगढ़ के इस नवाब ने कही। पदमजीत सहरावत को दिए एक इंटरव्यू में सहवाग ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय सीरीज में नाकामी के बाद 2008 में धोनी ने मुझे टीम से बाहर कर दिया था।
उसके बाद मुझे कुछ समय तक टीम में जगह नहीं मिली। जब मुझे प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली तो मुझे लगा कि अब वनडे क्रिकेट खेलने का कोई मतलब नहीं है। मैं वनडे को अलविदा कहना चाहता था। मैंने सचिन से कहा कि मैं संन्यास लेना चाहता हूं। लेकिन सचिन ने मना कर दिया। सचिन ने अपने अनुभव के बारे में बताया कि 1999-2000 में उन्हें भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था। उस वक्त वह भी क्रिकेट छोड़ना चाहते थे, लेकिन कुछ दिनों बाद वह उस दौर से बाहर आ गए।”
सचिन ने उनका हौसला बढ़ाते हुए कहा, “तुम भी अभी ऐसी ही स्थिति में हो.. लेकिन तुम जल्द ही इस मुश्किल दौर से बाहर निकल जाओगे।” उन्होंने गुस्से में आकर कोई भी गलत फैसला न लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एक-दो सीरीज खेलो और फिर संन्यास के बारे में सोचो। सचिन ने अपनी बातों से संन्यास का विचार त्याग दिया। इसके बाद हुई सीरीज में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने रनों की बाढ़ ला दी। इसके बाद, मैं 2011 विश्व कप में भी खेला। हमने टूर्नामेंट जीता,” उन्होंने अपने करियर के मुश्किल दौर का खुलासा करते हुए कहा। मालूम हो कि टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ियों में से एक सहवाग ने अक्टूबर 2015 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया था।