
मुंबई, 14 अगस्त 2025
हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम ने एक खास बात कहते हुए राजनीति से प्रेरित फिल्मों पर उनकी क्या राय है। बीते दिनों आई ‘छावा’ और ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्में पर उन्होंने स्पष्ट किया है कि “मैंने ‘छावा’ नहीं देखी है, लेकिन मुझे पता है कि लोगों ने इसे पसंद किया है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ को भी दर्शकों ने सराहा है। लेकिन यह बेहद चिंताजनक है कि अत्यधिक राजनीतिक माहौल में लोगों को प्रभावित करने के लिए फिल्में बनाई जा रही हैं। मैं ऐसी फिल्में नहीं करूंगा।”
अभिनेता जॉन अब्राहम ने इंडिया टुडे को दिए एक साक्षात्कार में यह बात कही। वह इन दिनों अपनी आगामी फिल्म “तेहरान” की रिलीज़ की तैयारियों में व्यस्त हैं, जो 2012 में इज़राइली राजनयिकों पर हुए हमले पर आधारित है। इस कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने हाल के वर्षों में देशभक्ति और राष्ट्रवादी स्वर वाली फिल्मों की बढ़ती संख्या पर अपना स्पष्ट रुख़ साझा किया।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें ‘छावा’ और ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्में बनाने का मन है, जो बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट रहीं, उन्होंने कहा, “मैंने ‘छावा’ नहीं देखी है, लेकिन मुझे पता है कि लोगों को यह पसंद आई। ‘द कश्मीर फाइल्स’ को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। लेकिन लोगों को राजनीतिक रूप से लुभाने के इरादे से फिल्में बनाना मुझे डराता है। मुझे लालच नहीं दिया गया है, और मैं भविष्य में भी ऐसी फिल्में नहीं करूंगा।”
जॉन अब्राहम सेंसरशिप की ज़रूरत को स्वीकार करते हुए भी मानते हैं कि इसे जिस तरह से संभाला जाता है, वह संदिग्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया, “मैं न तो दक्षिणपंथी हूँ और न ही वामपंथी। मैं राजनीति-विरोधी हूँ।”
जॉन अब्राहम ने कहा कि यह चिंताजनक है कि दक्षिणपंथी फ़िल्में बड़े पैमाने पर दर्शकों को आकर्षित कर रही हैं। उन्होंने कहा, “फ़िल्म उद्योग में एक कलाकार या निर्माता के लिए दो रास्ते होते हैं। व्यावसायिक सफलता का रास्ता या अपनी कहानियों और नज़रिए में ईमानदारी का रास्ता। मैंने हमेशा दूसरा रास्ता चुना है।”
विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’, जो मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक संभाजी महाराज के जीवन और औरंगजेब के साथ उनकी लड़ाई पर आधारित है, 800 करोड़ रुपये की कमाई के साथ साल की सबसे बड़ी हिट बन गई है। लेकिन ऐतिहासिक ग़लतियों के कारण इसकी आलोचना भी हुई है।
विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित ‘द कश्मीर फाइल्स’ कश्मीरी हिंदुओं के पलायन की कहानी कहती है और इसने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, नरगिस दत्त पुरस्कार जीता।






