
भुवनेश्वर, 9 जून 2025
ओडिशा सतर्कता विभाग को रिश्वत मांगने के मामले में एक बड़ी कामयाबी मिली है। विभाग ने इस कड़ी में कार्यवाही करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी और धरमगढ़ के उप-कलेक्टर को कालाहांडी जिले में एक व्यापारी से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है।
सतर्कता विभाग ने रविवार को एक आधिकारिक बयान में बताया, “8 जून 2025 को, कुछ समय पहले, (2021 बैच के) आईएएस अधिकारी और कालाहांडी जिले के धरमगढ़ क्षेत्र के एक उप-कलेक्टर धीमान चकमा को एक स्थानीय व्यवसायी से 20,00,000 रुपये की कुल मांग की एक किस्त के रूप में 10,00,000 रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है, अन्यथा उसके व्यवसाय के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी गई है।”
इसमें यह भी कहा गया है कि आरोपी उप-कलेक्टर ने शिकायतकर्ता को धरमगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर बुलाया, रिश्वत की राशि ली, विभिन्न मूल्यवर्ग के 100-नोटों के 26 बंडलों को अपने दोनों हाथों से सत्यापित किया, और उन्हें अपने आवास कार्यालय की मेज की दराज में रख लिया।
सूत्रों से पता चला है कि आरोपी सब-कलेक्टर शिकायतकर्ता को कालाहांडी जिले के धरमगढ़ क्षेत्र में उसकी स्टोन क्रशर इकाई के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी देकर उससे भारी मात्रा में रिश्वत की मांग कर रहा था।
कोई अन्य रास्ता न देख कर स्टोन क्रशर इकाई के मालिक ने सतर्कता विभाग से संपर्क किया, जिसने जाल बिछाया और रविवार को धीमान चकमा को रंगे हाथों पकड़ लिया। आधिकारिक बयान में कहा गया है, “हैंडवॉश और टेबल ड्रॉअर वॉश दोनों में सकारात्मक रासायनिक प्रतिक्रिया हुई। इसके बाद, उनके आधिकारिक आवास पर तलाशी के दौरान 47 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। आगे की तलाशी जारी है।”
सतर्कता सूत्रों ने यह भी बताया कि इस संबंध में सतर्कता प्रकोष्ठ में भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम, 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। 2021 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी धीमान चकमा त्रिपुरा से हैं। उन्होंने अगरतला स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से बी.टेक. भी पूरा किया है। ओडिशा सतर्कता विभाग ने 2024 में 211 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और 179 सरकारी अधिकारियों और अन्य निजी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।