नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में मचे कोहराम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को विपक्षी कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आपने पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान को “क्लीन चिट” दे दी है। यह उस देश में आतंकी शिविरों पर भारत के हमलों पर सवाल उठाने के समान है।
आज लोकसभा में आतंकी हमलों और ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में भाग लेते हुए अमित शाह ने कहा कि सोमवार को कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए तीन आतंकवादी पहलगाम हमले में शामिल थे। उन्होंने लोकसभा में बताया कि सरकार के पास इन तीनों के पाकिस्तान से होने के सबूत हैं। इसमें उनमें से दो के मतदाता पंजीकरण नंबर भी शामिल हैं। उनके पास से पाकिस्तान में बनी चॉकलेट मिली हैं।
अमित शाह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता चिदंबरम पर पलटवार करते हुए कहा, “आप किसे बचाना चाहते हैं? पाकिस्तान को बचाने से आपको क्या हासिल होगा?” चिदंबरम ने एक साक्षात्कार में उनसे सवाल किया था।
चिदंबरम ने कहा था, “क्या उन्होंने (एनआईए) आतंकवादियों की पहचान की या वे कहां से आए थे? जहां तक हमें पता है, वे घरेलू आतंकवादी हो सकते हैं। आपको क्या लगता है कि वे पाकिस्तान से आए थे? इसका कोई सबूत नहीं है।”
देश के पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री दुनिया के सामने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं। इस बयान के साथ ही अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस नेता “पाकिस्तान पर हमले” के पीछे के औचित्य पर सवाल उठा रहे हैं। पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है। लेकिन चिदंबरम संदेह व्यक्त कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा, “अगर उन्होंने मुझसे पूछा होता, तो मैं उन्हें सबूत दे देता।”
अमित शाह ने कहा कि कल मारे गए तीन आतंकवादियों के पास से एम.9 एके-47 बरामद की गई है और फोरेंसिक विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि उनमें इस्तेमाल की गई गोलियां वही हैं जो पहलगाम हमले में इस्तेमाल की गई थीं।
कांग्रेस समेत विपक्षी दल ऑपरेशन सिंदूर की खूब आलोचना कर रहे हैं। क्या ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय लड़ाकू विमान क्षतिग्रस्त हुए थे? युद्धविराम की घोषणा का क्या कारण था? पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर कब्ज़ा क्यों नहीं किया गया? पाकिस्तानी आतंकवादी देश में घुसपैठ कैसे कर पाए? अगर सुरक्षा बल सीमा पर सतर्क थे, तो आतंकवादियों को घुसपैठ का मौका कैसे मिला? वे केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। विपक्षी सदस्य सरकार पर हमला कर रहे हैं, खुफिया विफलताओं, परिचालन संबंधी खामियों और विदेश नीति पर सवाल उठा रहे हैं।