मुंबई, 12 जुलाई 2025
महाराष्ट्र सरकार ने ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 11 जुलाई को विधानसभा में बताया कि राज्य में धार्मिक स्थलों से 3,367 लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं। इनमें से 1,608 लाउडस्पीकर मुंबई में हटाए गए। फडणवीस ने कहा कि यह कदम शांतिपूर्ण तरीके से लागू किया गया और उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई सांप्रदायिक विवाद नहीं हुआ।
ध्वनि प्रदूषण को लेकर जनता की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, धार्मिक स्थलों पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही, दिन में अधिकतम ध्वनि सीमा 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को इन नियमों का सख्ती से पालन कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हर पुलिस थाने में ध्वनि स्तर मापने के लिए ध्वनिमापी यंत्र तैयार हैं। उन्होंने स्थानीय पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे धार्मिक स्थलों का नियमित निरीक्षण करें और नियमों का उल्लंघन होने पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (एमपीसीबी) को सूचित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बिना अनुमति के लाउडस्पीकर लगाए गए तो संबंधित थाना प्रभारी ज़िम्मेदार होंगे।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनके लाउडस्पीकर जब्त करने के अलावा, दी गई अनुमतियाँ भी रद्द की जाएँगी। भाजपा विधायकों ने विधानसभा में मुद्दा उठाया कि बीमार, बुजुर्ग और रात में काम करने वालों को ध्वनि प्रदूषण के कारण भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा जनवरी में जारी आदेशों के आधार पर नियमों के उल्लंघन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया।