मुंबई, 31 अक्टूबर 2025:
महिला विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद पूरे देश को थी। गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर फाइनल में धमाकेदार प्रवेश किया। जेमिमा रॉड्रिग्ज़ की करिश्माई शतकीय पारी और कप्तान हरमनप्रीत कौर की आक्रामक बल्लेबाजी ने इतिहास रच दिया।

नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में हुए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.5 ओवर में 338 रन बनाए थे। जवाब में भारत ने 48.3 ओवर में 341/5 रन बनाकर यह मुकाबला अपने नाम कर लिया। जैसे ही जेमिमा ने विजयी चौका लगाया, स्टेडियम में भारत…भारत के नारों की गूंज उठी और जेमिमा की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।
भारत अब तीसरी बार महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंच गया है। 2005 और 2017 के बाद यह मौका एक बार फिर आया है, और इस बार टीम इंडिया ट्रॉफी जीतने के लिए पूरी तरह तैयार दिख रही है। अब खिताबी जंग रविवार को दक्षिण अफ्रीका से होगी, जिसने दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड को मात दी।

आस्ट्रेलिया द्वारा रखे गए 338 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत डगमगा गई।
शेफाली वर्मा (10) और स्मृति मंधाना (24) जल्दी पवेलियन लौट गईं। लेकिन इसके बाद जेमिमा और हरमनप्रीत ने मोर्चा संभाला। दोनों ने मिलकर तीसरे विकेट के लिए 167 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की जो महिला विश्व कप नॉकआउट मैचों में भारत की सबसे बड़ी साझेदारी बन गई। हरमनप्रीत 88 गेंदों में 10 चौके और 2 छक्के जड़कर 89 रन बनाकर आउट हुईं, लेकिन तब तक ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज थक चुके थे। जेमिमा अंत तक डटी रहीं और 134 गेंदों में 14 चौकों की मदद से नाबाद 127 रन बनाते हुए टीम को फाइनल में पहुंचा दिया।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से फोएबे लिचफील्ड ने तूफानी शतक जड़ा। उन्होंने सिर्फ 77 गेंदों में सेंचुरी पूरी कर महिला विश्व कप नॉकआउट में सबसे युवा शतकवीर (22 वर्ष 195 दिन) का रिकॉर्ड अपने नाम किया। लिचफील्ड और एलिस पैरी के बीच दूसरे विकेट के लिए 155 रनों की साझेदारी हुई। लेकिन इसके बाद अमनजोत कौर और दीप्ति शर्मा की शानदार गेंदबाजी ने कंगारू पारी को थाम लिया। ऑस्ट्रेलिया की पारी 49.5 ओवर में 338 रन पर सिमट गई। भारत की ओर से दीप्ति शर्मा और श्री चरण ने दो-दो विकेट लिए, जबकि अमनजोत, राधा यादव और क्रांति गौड़ को एक-एक सफलता मिली।

यह जीत केवल सेमीफाइनल की नहीं, बल्कि सालों की मेहनत और आत्मविश्वास की कहानी है। हरमनप्रीत की कप्तानी, जेमिमा का जज़्बा, और टीम का सामूहिक प्रदर्शन सबने मिलकर भारत को इतिहास के मुहाने पर ला खड़ा किया है। भारत को अब फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर “विश्व चैंपियन” बनने का सुनहरा सपना पूरा करना।






