
नई दिल्ली, 6 मई 2025
लगाताज जारी दोनों देशों के बीच जारी जंग के हालात में अब पाकिस्तान की ओर से एक डर भरा बयान सामने आ रहा है। दरअसल पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को चेतावनी दी कि भारत किसी भी समय कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सैन्य हमला कर सकता है।
आसिफ का यह बयान ऐसे समय आया है जब पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद दोनों परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच तनाव चरम पर है । मंत्री ने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा, “ऐसी खबरें हैं कि भारत नियंत्रण रेखा पर किसी भी स्थान पर हमला कर सकता है। नई दिल्ली को इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर “राजनीतिक लाभ के लिए क्षेत्र को परमाणु युद्ध के कगार पर धकेलने” का आरोप लगाया तथा आरोप दोहराया कि “नई दिल्ली खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवाद में शामिल है।” उन्होंने दावा किया, ”हमने 2016 और 2017 में यूएन को सबूत मुहैया कराए थे, जिसमें भारत द्वारा आतंकवाद को वित्तपोषित करने के वीडियो भी शामिल थे।” उन्होंने दोनों प्रांतों में हाल ही में फैली आतंकी घटनाओं को अफगानिस्तान से संचालित होने वाले समूहों से भी जोड़ा, जिन्हें कथित तौर पर भारत का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घटना की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है।
आसिफ ने कहा, “इस तरह की जांच से यह उजागर हो जाएगा कि इसमें भारत स्वयं शामिल था या कोई आंतरिक समूह, तथा इससे नई दिल्ली के निराधार आरोपों के पीछे की सच्चाई भी स्पष्ट हो जाएगी।” पिछले हफ़्ते सूचना मंत्री अत्ता तरार ने भारत की ओर से संभावित हमले की आशंका जताते हुए कहा था कि 24-36 घंटे महत्वपूर्ण हैं। लेकिन समय बीतता गया और भारत की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने सोमवार को “राष्ट्रीय प्रतिष्ठा और अपने लोगों की समृद्धि” की रक्षा के लिए पूरी ताकत से जवाब देने की अपनी मंशा दोहराई। पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गिरावट आई जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
भारत ने आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के विरुद्ध कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी में एकमात्र चालू भूमि सीमा क्रॉसिंग को बंद करना तथा राजनयिक संबंधों को कम करना शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ “दृढ़ और निर्णायक” कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों से यह भी कहा कि सशस्त्र बलों को हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” है ।






