
नई दिल्ली, 6 मई 2025
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और युध्द की आशंकाओं के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को दोनों देशों को लेकर के चिंता व्यक्त की और भारत-पाकिस्तान से युध्द से हटकर संयम बरतने तथा तनाव को कम करने का आह्वान किया है। गुटेरेस ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, किसी भी मसले में देशों के बीच युध्द कोई समाधान नहीं है इससे कोई हल नहीं निकलेगा। भारत-पाकिस्तान के संदर्भ में उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र दोनों देशों को लेकर के किसी भी पहल का समर्थन करने के लिए तैयार है जो तनाव कम करने, कूटनीति और शांति के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता को बढ़ावा देता है।”
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की यह टिप्पणी भारत-पाकिस्तान तनाव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में होने वाली बैठक से कुछ घंटे पहले आई है, जब इस्लामाबाद ने आपात बैठक की मांग की थी। गुटेरेस ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कई वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर है। मैं दोनों देशों की सरकारों और लोगों का गहरा सम्मान करता हूं और उनके प्रति बहुत आभारी हूं – और संयुक्त राष्ट्र के कार्यों में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए भी, खासकर संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के लिए।” उन्होंने कहा, “इसलिए मुझे यह देखकर दुख होता है कि संबंध उबाल पर पहुंच गए हैं।”
गुटेरेस ने कहा कि वह 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए “भयानक आतंकवादी हमले” के बाद की “भावनाओं” को समझते हैं और उन्होंने एक बार फिर उस हमले की कड़ी निंदा की तथा हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है – और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को विश्वसनीय और कानूनी तरीकों से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।” गुटेरेस ने कहा, “यह भी आवश्यक है – विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण समय में – कि सैन्य टकराव से बचा जाए, जो आसानी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है।” उन्होंने कहा, “अब अधिकतम संयम बरतने और कगार से पीछे हटने का समय है।”पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गिरावट आई जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
भारत ने आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी में एकमात्र भूमि सीमा पार संचालन को बंद करना तथा राजनयिक संबंधों को कम करना शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ “दृढ़ और निर्णायक” कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों से यह भी कहा कि सशस्त्र बलों को हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” है। बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान ने स्थिति पर बंद कमरे में विचार-विमर्श का अनुरोध किया और ग्रीक प्रेसीडेंसी ने 5 मई की दोपहर को बैठक निर्धारित की है।
पाकिस्तान वर्तमान में 15 देशों वाली शक्तिशाली सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, जिसकी अध्यक्षता मई माह के लिए ग्रीस कर रहा है। पांच वीटो-अधिकार प्राप्त स्थायी सदस्यों – चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका – के अलावा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य हैं – अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गुयाना, पाकिस्तान, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया। पहलगाम हमले के बाद के हफ्तों में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को छोड़कर सभी परिषद सदस्यों से बात की। उन्होंने गुटेरेस से भी बात की।
जयशंकर ने अपने आह्वान में इस बात पर जोर दिया कि “इसके अपराधियों, समर्थकों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।” पिछले शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने संयुक्त राष्ट्र में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके देश को “जब भी उचित लगे” बैठक बुलाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न स्थिति क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए वास्तविक खतरा है।
बंद दरवाजे के पीछे होने वाली यह बैठक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कक्ष में नहीं होगी, जहां परिषद के सदस्य शक्तिशाली घोड़े की नाल के आकार वाली मेज पर बैठते हैं, बल्कि यह बैठक कक्ष के बगल में स्थित परामर्श कक्ष में होगी।
पिछले सप्ताह अहमद ने गुटेरेस से मुलाकात की और उन्हें क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी। गुटेरेस ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी बात की थी। फिलहाल सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव लगातार जारी है। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान किसी भी प्रकार की शांति की अपील नहीं कर रहा है। पाकिस्तान लगातार एलओसी पर संघर्ष विराम को तोड़ रहा है।






