नई दिल्ली, 6 अगस्त 2025:
भारत, अमेरिका और रूस के बीच जारी व्यापारिक तनातनी के बीच खुद को संतुलन में रखने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर दबाव बना रहे हैं कि वह रूस से व्यापारिक और रक्षा समझौते कम करे और अमेरिका से ज्यादा लेन-देन करे। ट्रंप भारत को डेयरी, कृषि और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को अमेरिका के लिए खोलने की चेतावनी भी दे चुके हैं, लेकिन भारत ने हर बार राष्ट्रहित का हवाला देकर झुकने से इनकार किया है।
मोदी सरकार साफ कर चुकी है कि उसका फैसला देशहित में ही होगा। भारत ने ट्रंप को उनकी ही भाषा में जवाब देना शुरू कर दिया है। वह उन्हें यह याद दिला रहा है कि अमेरिका खुद रूस से व्यापार करता है, फिर भारत को क्यों रोका जा रहा है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब एक पत्रकार ने ट्रंप से पूछा कि अमेरिका रूस से क्या व्यापार करता है, तो उन्होंने जवाब दिया “मुझे नहीं पता, देखकर बताऊंगा।”
भारत दुनिया का एक बड़ा बाजार है। जनसंख्या और खपत के हिसाब से कोई भी देश भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता। यही कारण है कि भारत के पास विकल्पों की कमी नहीं है। भारत फिलहाल रूस को अमेरिका की तुलना में बेहतर और भरोसेमंद विकल्प मानता है।
अगर भारत ट्रंप की बात मानता है तो विपक्ष को सरकार पर हमला करने का और एक मुद्दा मिल जाएगा। पहले ही पाकिस्तान के साथ सीजफायर को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है। ऐसे में टैरिफ मुद्दे पर झुकना राजनीतिक रूप से भारी पड़ सकता है।
अभी तक भारत ने जवाबी कार्रवाई नहीं की है, लेकिन उसका रुख स्पष्ट है कि वह न दबाव में आएगा, न पीछे हटेगा। अमेरिका की धमकी और ट्रंप का व्यापारिक रवैया भारत की परीक्षा ले रहा है, पर भारत अब हर चाल का जवाब देने को तैयार है।