नई दिल्ली, 27 मार्च 2025
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद को बताया कि जम्मू-कश्मीर की जोजिला सुरंग का काम अब 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है। यह सुरंग लद्दाख क्षेत्र और देश के बाकी हिस्सों के बीच हर मौसम में संपर्क उपलब्ध कराएगी। 13 किलोमीटर लंबी यह सुरंग 2026 तक पूरी हो जाएगी और यह एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी तथा शून्य से नीचे के तापमान वाले क्षेत्र में स्थित होगी।
गडकरी ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि प्रारंभ में सुरंग के निर्माण पर 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान था, लेकिन इसे लगभग 5,500 करोड़ रुपये में पूरा किया जाएगा। मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को इस अत्याधुनिक परियोजना को देखने के लिए साइट पर आने का निमंत्रण भी दिया।
सुरंग बन जाने के बाद श्रीनगर-लेह मार्ग सभी मौसमों के लिए खुला रहेगा। सर्दियों में राजमार्ग बंद होने से केंद्र शासित प्रदेश में नागरिकों और सेना दोनों के जीवन पर असर पड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में ज़ोजिला सुरंग की आधारशिला रखी थी। यह 7.57 मीटर ऊंची घोड़े की नाल के आकार की सिंगल-ट्यूब, 2-लेन सुरंग है और यह कश्मीर के गंदेरबल और लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास के बीच हिमालय में ज़ोजिला दर्रे के नीचे से गुज़रेगी।
वर्तमान में जोजिला दर्रे को पार करने में औसत यात्रा समय लगभग तीन घंटे का है। सुरंग के बन जाने से यह समय घटकर 20 मिनट रह जाएगा।
परियोजना में एक स्मार्ट टनल (SCADA) प्रणाली शामिल है, जिसका निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि का उपयोग करके किया गया है और यह सीसीटीवी, रेडियो नियंत्रण, निर्बाध विद्युत आपूर्ति और वेंटिलेशन जैसी सुविधाओं से सुसज्जित है। इस परियोजना में आधुनिक तकनीक के उपयोग से भारत सरकार को 5000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है।
गडकरी ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में राजमार्गों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में 2 लाख करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण कार्य चल रहे हैं, जहां यात्रा को आसान बनाने के लिए 105 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है।