Uttar Pradesh

काशी : मुस्लिम महिलाओं ने की श्रीराम की महाआरती, रामनवमी पर प्रेम व सौहार्द का संदेश

अंशुल मौर्य

वाराणसी, 6 अप्रैल 2025:

रामनवमी के पावन अवसर पर काशी ने प्रेम और एकता की अद्भुत मिसाल पेश की। मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में लमही के सुभाष भवन में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की महाआरती कर धार्मिक सौहार्द का संदेश दिया।

कार्यक्रम स्थल को रंगोली, सजावटी थालों और उर्दू में लिखे ‘श्रीराम’ के नामों से भव्य रूप से सजाया गया था। नकाबपोश मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में लिखी राम आरती गाई और “जय सियाराम” के जयकारे लगाए। इस अवसर पर राम जन्मोत्सव के पारंपरिक सोहर भी गाए गए, जिससे माहौल भक्ति और प्रेम से सराबोर हो गया।

वक्फ संशोधन बिल से मिली खुशी, राम की कृपा का बताया परिणाम

महिलाओं ने वक्फ संशोधन बिल के पारित होने पर भी खुशी जाहिर की। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने कहा, “अरबी, तुर्की और मुगल लुटेरों ने भारत पर आक्रमण किया, पर भारतीय संस्कृति की आत्मा को नहीं बदल सके। राम भारत की आत्मा और हमारे पूर्वज हैं। उनकी आरती कर हम अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। वक्फ बिल राम की कृपा का परिणाम है, जो मुस्लिम महिलाओं के संघर्ष को समाप्त करेगा।”

रामनवमी भारत की सांस्कृतिक धरोहर : डॉ. परवीन

विशाल भारत संस्थान की डॉ. नजमा परवीन ने कहा, “रामनवमी हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। रामजी की कृपा से तीन तलाक और वक्फ बिल जैसे कानूनों ने मुस्लिम महिलाओं को सशक्त किया है। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है।”

रामचरितमानस को शिक्षा का हिस्सा बनाने की मांग

संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा, “राम जन्मोत्सव हजारों वर्षों पुरानी परंपरा है। मुस्लिम महिलाओं द्वारा इसे जीवंत बनाए रखना दुनिया को एकता और प्रेम का संदेश देता है। श्रीरामचरितमानस को हर देश के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि नफरत खत्म हो और सौहार्द बढ़े।”

‘राम हमारे भी पूर्वज’: अफरोज पाण्डेय

विशाल भारत संस्थान के वाईस चेयरमैन अफरोज पाण्डेय मोनी ने कहा, “प्रेम का संदेश देने और अपनी संस्कृति को अपनाने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए। यह देश हमारा है, हमारे पूर्वज यहीं के हैं, तो राम भी हमारे हैं। उनकी आरती कर गर्व की अनुभूति हो रही है।” इस आयोजन में डॉ. अर्चना भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, नगीना बेगम, चांदनी, रुखसाना, सितारा बानो, खुशबू जरीना सहित कई महिलाएं और पुरुष उपस्थित रहे।

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