
कोलकाता, 25 फरवरी 2025
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य में विपक्ष के नेता (एलओपी) शुभेंदु अधिकारी को कथित रूप से धमकी देने वाली टिप्पणी पर हस्तक्षेप करने की मांग की गई है। राज्य भाजपा नेता और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील कौस्तव बागची ने मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री के भाषण के एक अंश का हवाला देते हुए राज्यपाल कार्यालय में यह शिकायत दर्ज कराई है।
मुख्यमंत्री को यह कहते हुए सुना गया, “आप एक विशेष समुदाय के खिलाफ इतनी बदनामी कर रहे हैं। अब अगर वे किसी दिन आंदोलन का आह्वान करते हैं, तो क्या आप उसे संभाल पाएंगे?”
बागची ने उस विशेष वीडियो क्लिपिंग को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की वॉल पर पोस्ट किया है और सवाल उठाया है – “क्या मुख्यमंत्री चरमपंथियों की ओर से विपक्ष के नेता को धमका रहे हैं?” इसके बाद उन्होंने राज्यपाल कार्यालय को एक पत्र भेजकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की।
मंगलवार को विपक्ष के नेता ने भी मुख्यमंत्री की इन टिप्पणियों के लिए उनकी तीखी आलोचना की। “उन्होंने सवाल किया कि अगर एक खास समुदाय के लोग मेरे खिलाफ एकजुट हो गए तो क्या होगा? मैं सदन में मुख्यमंत्री के बयान की वीडियो क्लिपिंग के साथ इस तरह की धमकी पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करूंगा। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मुझे सुरक्षा प्रदान की जा रही है। मैं मुख्यमंत्री को इस तरह के भड़काऊ बयान देने से रोकने की मांग के साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाऊंगा,” सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार दोपहर मीडियाकर्मियों से कहा।
सोमवार को कथित तौर पर अभद्र व्यवहार के कारण विपक्ष के नेता और तीन अन्य भाजपा विधायकों को एक महीने के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है। अधिकारी ने दावा किया है कि निलंबन इसलिए हुआ क्योंकि विपक्ष के नेता भाजपा से हैं और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब एक ही कुर्सी वाम मोर्चे या कांग्रेस के किसी व्यक्ति की रही हो।






