
नई दिल्ली, 3 फरवरी 2025
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाकुंभ में हुई भगदड़ को “दुर्भाग्यपूर्ण” घटना बताया, जिसमें 29 जनवरी को 30 लोगों की जान चली गई थी। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता एडवोकेट विशाल तिवारी से कहा कि वे इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने तिवारी से कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और चिंता का विषय है, लेकिन उच्च न्यायालय से संपर्क करें। एक न्यायिक आयोग पहले ही गठित किया जा चुका है।” तिवारी ने बार-बार हो रही भगदड़ की घटनाओं पर चिंता जताई थी
राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच चल रही है। उन्होंने हाईकोर्ट में दायर की गई इसी तरह की याचिका का भी हवाला दिया।
अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में तर्क दिया गया कि योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ में भगदड़ को रोकने में विफल रही, खासकर मौनी अमावस्या पर। याचिका में दावा किया गया कि प्रशासन में खामियां थीं और कुंभ मेले में श्रद्धालुओं के लिए एक समर्पित सहायता प्रकोष्ठ की मांग की गई।
याचिकाकर्ता ने सभी राज्यों को भीड़ प्रबंधन नीतियों में सुधार करने के निर्देश देने की भी मांग की और अदालत से उत्तर प्रदेश सरकार के समन्वय में विभिन्न राज्यों से चिकित्सा टीमों की तैनाती का आदेश देने का अनुरोध किया।
यह भगदड़ 29 जनवरी की सुबह संगम स्नान स्थल पर घटित हुई थी






