अंशुल मौर्य
वाराणसी, 18 जून 2025:
वाराणसी में वकीलों और पुलिस के बीच विवाद गहराता जा रहा है। बुधवार को अधिवक्ताओं ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। गुस्साए वकीलों ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई और बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की।
विवाद की जड़ में लालपुर पुलिस चौकी प्रभारी आदित्यसेन द्वारा अधिवक्ता अरविंद वर्मा से कथित मारपीट का मामला है। बताते हैं कि रविवार देर शाम अधिवक्ता अपनी जमीन पर कब्जे की शिकायत लेकर चौकी पहुंचे थे। आरोप है कि शिकायत सुनने के बजाय चौकी प्रभारी उलझ गए और मारपीट की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। वीडियो के आधार पर पुलिस ने आदित्यसेन को लाइन हाजिर किया। अधिवक्ता की तहरीर पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया।
हालांकि, इसके बाद दरोगा ने अधिवक्ता अरविंद वर्मा और उनके सहयोगियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए लालपुर पांडेयपुर थाने में केस दर्ज करा दिया। दरोगा का आरोप है कि वकीलों ने चौकी में घुसकर सरकारी कार्य में बाधा डाली, वर्दी फाड़ी, गाली-गलौज की और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
इस मामले में पुलिस पर कार्रवाई की मांग करते हुए सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मंगलेश दुबे के नेतृत्व में वकीलों ने सोमवार और बुधवार को पुलिस कमिश्नर कार्यालय का घेराव किया। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए वकीलों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। स्थिति को देखते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल स्वयं मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारी अधिवक्ताओं से बातचीत की। उन्होंने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित कर दिया गया है। एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। कमिश्नर ने यह भी आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने तक किसी भी पक्ष पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
इसके बाद वकीलों ने धरना समाप्त कर दिया है, लेकिन उनका गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस द्वारा लगातार हो रही ज्यादतियों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो वे बड़े आंदोलन की राह पर जाएंगे। इस प्रदर्शन में अनुज यादव, रोहित मौर्य, सौरभ आनंद, अनूप कुमार सिंह, आशीष सिंह, दीपक राय, कौशलेंद्र सिंह, विकास दुबे, अभिषेक प्रताप, रविंद्र यादव, प्रमोद सिंह समेत कई अधिवक्ता शामिल रहे।