लखनऊ, 4 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में अवैध रूप से रह रहे विदेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या की पहचान के लिए चलाए जा रहे अभियान ने अब और तेजी पकड़ ली है। नगर निगम के साथ पुलिस टीमें इस सर्च ऑपरेशन को व्यापक स्तर पर अंजाम दे रही हैं। इस अभियान में नगरीय प्रशासन की कमान संभाल रही महापौर सुषमा खर्कवाल भी सक्रिय रूप से मैदान में उतर चुकी हैं।

महापौर खर्कवाल गुरुवार सुबह लखनऊ के गुडम्बा क्षेत्र की बस्ती में अचानक पहुंचीं। यह इलाका काफी समय से चर्चा में रहा है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में अवैध रूप से रह रहे लोगों में बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के होने की आशंका जताई जाती रही है। महापौर ने स्वयं टीम के साथ पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया और एक-एक झोपड़ी में जाकर करवाई।
इस दौरान कई लोग अपना सही पता या पहचान से जुड़ी आवश्यक जानकारी पेश नहीं कर पाए। स्थिति को देखते हुए महापौर ने चेतावनी दी कि जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं वे अगले 15 दिनों के भीतर क्षेत्र खाली कर दें, अन्यथा प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। इससे पहले भी महापौर द्वारा गोमतीनगर इलाके में इसी तरह का पड़ताल अभियान चलाया जा चुका है। स्पष्ट है कि नगर निगम इस बार अवैध निवासियों की पहचान को लेकर गंभीर दिखाई दे रहा है।
दूसरी तरफ पुलिस भी राजधानी में संभावित घुसपैठियों की तलाश में लगातार व्यापक चेकिंग अभियान चला रही है। बुधवार को डालीबाग और कृष्णानगर क्षेत्रों में स्थित झुग्गी-झोपड़ियों में बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन किया गया। हजरतगंज क्षेत्र में डालीबाग पुलिस चौकी के पास, डीजीपी आवास से सटे इलाके और हैदर कैनाल नाले के किनारे बनी बस्तियों में रहने वालों के दस्तावेजों की बारीकी से जांच की गई।
पुलिस की जानकारी के अनुसार असम के बरपेटा जिले से आए 122 सफाईकर्मियों के दस्तावेजों की भी जांच की गई, जिनके आधार और एनआरसी से संबंधित कागजात मिले हैं। इन दस्तावेजों का सत्यापन अब असम भेजकर कराया जा रहा है।
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशभर में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने का आदेश दिया है। सीएम ने सभी नगर निगमों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे लोगों की सूची तत्काल तैयार करें और हर मंडल में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया तेज करें। अधिकारियों के साथ बुधवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में सीएम ने स्पष्ट किया कि 17 नगर निगमों में कार्यरत सफाईकर्मियों में यदि कोई घुसपैठिया पाया गया तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
सूची मंडलायुक्त और आईजी रेंज को सौंपने के बाद ही आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी। प्रदेश सरकार की इस कार्रवाई के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि सत्यापन पूरा होते ही अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।






