लखनऊ, 1 जुलाई 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के कई प्रतिष्ठित निजी स्कूलों द्वारा अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत चयनित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों को प्रवेश न देने पर अब शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) की 17 शाखाओं, एमआर जयपुरिया (गोमतीनगर), बालगाइड और विश्वनाथ एकेडमी की एनओसी रद्द करने और मान्यता समाप्त करने की संस्तुति संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) को भेज दी है।
बीएसए के अनुसार इन स्कूलों ने बार-बार चेतावनी और समय सीमा दिए जाने के बावजूद 30 जून तक आरटीई के तहत चयनित बच्चों को दाखिला नहीं दिया। कुछ स्कूलों ने नाममात्र प्रवेश दिखाकर कार्रवाई से बचने की कोशिश की, लेकिन शिक्षा विभाग अब इनकी मान्यता रद्द करने की कानूनी प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इन स्कूलों की अनदेखी के कारण लगभग 3000 बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है।
बीएसए का कहना है कि बीते 6 से 10 वर्षों के आंकड़े देखें तो साफ है कि शहर के बड़े स्कूल आरटीई के तहत निर्धारित 25% सीटों पर बच्चों को दाखिला नहीं देते। अगर ये स्कूल समय पर प्रवेश देते तो आज 3000 बच्चे शिक्षा से वंचित न होते। इसलिए अब इनकी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई जरूरी है।
CMS की 17 शाखाओं में एक भी दाखिला नहीं
बीएसए राम प्रवेश के मुताबिक CMS की 17 शाखाओं में एक भी बच्चे का एडमिशन नहीं किया गया। इनमें अलीगंज (प्रथम एवं द्वितीय), गोमतीनगर, राजेंद्रनगर (तीनों शाखाएं), राजाजीपुरम, महानगर, कानपुर रोड, आनंद नगर, चौक, अशर्फाबाद, इंदिरानगर, जॉपलिंग रोड, राजाजीपुरम सेक्टर-1, स्टेशन रोड और RDSO शाखाएं शामिल हैं। आरटीई के तहत भेजे गए कुल 41 बच्चों में से मात्र 20 को ही प्रवेश दिया गया, जो कि कुल संख्या का एक प्रतिशत भी नहीं है।
एमआर जयपुरिया व अन्य स्कूलों की भी लापरवाही
एमआर जयपुरिया स्कूल, गोमतीनगर ने चारों चरणों में एक भी बच्चे को प्रवेश नहीं दिया। विभाग द्वारा चार बार नोटिस भेजे गए लेकिन प्रबंधन ने कोई उत्तर नहीं दिया। बालगाइड स्कूल के मामले में एसडीएम अंकित शुक्ला ने स्वयं पहुंचकर स्थिति की समीक्षा की, लेकिन स्कूल ने बच्चों को प्रवेश नहीं दिया। विश्वनाथ एकेडमी ने केवल अंतिम चरण में 9 बच्चों को दाखिला दिया, जबकि तीन चरणों तक किसी को नहीं लिया गया।
संबंधित स्कूल दे रहे अपना तर्क
CMS के पीआरओ ऋषि खन्ना का कहना है कि हम पात्रता के आधार पर ही दाखिला देते हैं। जो बच्चे पात्र पाए गए, उन्हें प्रवेश दिया गया है। वहीं एमआर जयपुरिया स्कूल की प्रिंसिपल प्रोमिनी चोपड़ा के मुताबिक हमने किसी भी योग्य बच्चे को आरटीई के तहत प्रवेश देने से इनकार नहीं किया है। कुछ बच्चों को दाखिला दिया गया है।