लखनऊ, 5 दिसंबर 2025:
राजधानी के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में ईको-टूरिज्म को नई पहचान देने की तैयारी तेज हो गई है। पर्यटन विभाग की 1.91 करोड़ रुपये की योजना के तहत जू परिसर में कई नए आकर्षण विकसित किए जा रहे हैं। बच्चों के लिए लगाए गए नए मॉडर्न और सुरक्षित झूले इन दिनों सबसे बड़ा आकर्षण बने हुए हैं। परिवारों और स्कूली बच्चों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए मनोरंजन क्षेत्र को और सुविधाजनक बनाया गया है।
इसके अलावा, जू परिसर का प्राकृतिक माहौल निखारने के लिए बांस से बने फर्नीचर सेट लगाए जा रहे हैं। इनमें बैठने की आरामदायक व्यवस्था, गज़ेबो स्टाइल संरचनाएँ और ओपन रेस्टिंग पॉइंट शामिल हैं, जो परिसर को अधिक हरित और इको-फ्रेंडली लुक प्रदान करेंगे। पूरे परिसर में दिशा बताने वाले साइनेज सिस्टम को भी बदला जा रहा है। नए नेविगेशन बोर्ड और सूचना पट्ट लगाने से पर्यटकों को विभिन्न विंग्स और आकर्षणों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी। गर्मी में आने वाले आगंतुकों की सुविधा के लिए कई स्थानों पर आधुनिक वाटर कूलर भी लगाए जा रहे हैं, जिससे पीने के पानी की उपलब्धता बेहतर होगी।
इन विकास कार्यों का लक्ष्य लखनऊ जू को एक प्रमुख ईको-टूरिज्म गंतव्य के तौर पर नई पहचान दिलाना है। नए आकर्षणों और सुविधाओं के बाद उम्मीद है कि यह चिड़ियाघर न केवल लखनऊ बल्कि आसपास के जिलों से आने वाले आगंतुकों की संख्या भी बढ़ाएगा।
1921 में स्थापित यह ऐतिहासिक प्राणी उद्यान लखनऊ की पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह के नाम पर बने इस जू में वर्षों से कई दुर्लभ जीव, पक्षी प्रजातियाँ और संरक्षण कार्यक्रम शामिल होते रहे हैं। शहर के मध्य स्थित यह उद्यान हरे-भरे वातावरण और वन्यजीव संरक्षण के कारण आज भी परिवारों और प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद बना हुआ है।






