मुंबई, 21 फरवरी 2025
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री और राकांपा नेता माणिकराव कोकाटे को गुरुवार को नासिक जिला एवं सत्र न्यायालय ने 1995 के एक मामले में दो वर्ष कारावास और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। उन पर सरकारी कोटे के तहत फ्लैट पाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने का आरोप लगाया गया था।
जिला न्यायालय की अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश रूपाली नदवाडिया ने इसी मामले में उसके भाई सुनील कोकाटे को भी दोषी ठहराया।
हालांकि, कोकाटे बंधुओं ने एक लाख रुपये का जुर्माना भरकर तुरंत जमानत हासिल कर ली। माणिकराव कोकाटे को सजा पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में अपील करनी होगी, अन्यथा उन्हें विधायक पद से हाथ धोना पड़ सकता है।दोनों भाइयों के खिलाफ शिकायत पूर्व मंत्री स्वर्गीय टीएस दिघोले ने दर्ज कराई थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, माणिकराव कोकाटे और विजय कोकाटे ने सरकार की ‘दस प्रतिशत’ योजना कोटा के तहत एक फ्लैट पाने की कोशिश की। इसके लिए, उन्होंने सिस्टम में फर्जी दस्तावेज जमा किए ताकि यह साबित हो सके कि उन्हें फ्लैटों पर कोई अधिकार नहीं है। पात्र होने के लिए, उन्होंने एलआईजी श्रेणी से संबंधित होने और शहर में घर न होने का झूठा दावा किया, ऐसा आरोप लगाया गया।
इसके बाद कोकाटे को सरकार से फ्लैट मिल गए। सत्यापन के बाद अतिरिक्त कलेक्टर विश्वनाथ पाटिल ने 1995 में कोकाटे बंधुओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया। उसके बाद से कोकाटे बंधु इस मामले में जमानत पर हैं।
नासिक जिला न्यायालय द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा, “फैसला सुनाया जा चुका है और यह फैसला सुनवाई के बाद सुनाया गया है। यह 1995 का मामला है और इस मामले में फैसला देर से सुनाया गया है। इसलिए, मैं अब उच्च न्यायालय में अपील करूंगा। साथ ही, चूंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए मैं इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा।”
सहायक सरकारी वकील पूनम घोटके ने बताया कि 10 गवाहों की गवाही के बाद दोनों भाइयों को दोषी ठहराया गया है। भाइयों को फ्लैट वापस करने को कहा गया है।