
मुंबई, 17 जुलाई 2025
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से एक अप्रत्याशित मोड़ देखने को मिला है। बीते दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को खुला प्रस्ताव दिया है। फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को आमंत्रित किया है कि अगर वे चाहें तो सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में फिर से शामिल हो सकते हैं।
फडणवीस द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वी को दोबारा मिलने के निमंत्रण ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। बुधवार (16 जुलाई) को विधान परिषद में शिवसेना के ठाकरे गुट के सदस्य अंबादास दानवे के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया।
इस मौके पर सीएम फडणवीस ने कहा, “उद्धव जी, 2029 तक हमारे विपक्ष में बैठने की कोई संभावना नहीं है। लेकिन अगर आप विपक्ष से सत्ताधारी दल में आना चाहते हैं, तो आ सकते हैं। यह आपके हाथ में है। सोचिए।” जब फडणवीस ने यह टिप्पणी की, तब उद्धव ठाकरे भी वहीं मौजूद थे। फडणवीस की इस टिप्पणी पर सदन में अचानक ठहाके गूंज उठे। सभी दलों के सदस्य ठहाके लगाकर हंस पड़े।
फडणवीस की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि फडणवीस की टिप्पणियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। ज्ञातव्य है कि उद्धव ठाकरे पहले भाजपा नीत एनडीए गठबंधन के साथ काम कर चुके हैं। भाजपा से मतभेदों के कारण, उन्होंने एनडीए गठबंधन छोड़ दिया और वर्तमान में कांग्रेस नीत भारत गठबंधन के साथ काम कर रहे हैं।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना फिलहाल भाजपा के साथ सत्ता में है। लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में यह अफवाह है कि भाजपा शिंदे के व्यवहार से नाखुश है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा उद्धव गुट को अपने करीब लाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में फडणवीस द्वारा अपने पुराने दोस्त ठाकरे को वापस लाने के अनुरोध ने उन अटकलों को और बल दिया है कि उद्धव गुट भाजपा में शामिल होने वाला है।
चर्चा यह भी है कि सीएम फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच हाल ही में हुई स्नेह भरी मुलाक़ातें भी इसी बात का संकेत हैं। महा राजनीति में ऐसी खबरें हैं कि फडणवीस ने बृहन्मुंबई निगम चुनावों के दौरान अपने उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को नियंत्रण में रखने के लिए ऐसी टिप्पणियां कीं। एकनाथ शिंदे ने अभी तक सीएम फडणवीस की टिप्पणियों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।






