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महाराष्ट्र चुनाव धोखाधड़ी से जीता गया, लोकतंत्र को धीरे-धीरे खत्म कर रहें हैं : मल्लिकार्जुन खड़गे का भाजपा पर बड़ा आरोप

अहमदाबाद, 9 अप्रैल 2025

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अभूतपूर्व धोखाधड़ी करके जीत हासिल की है और चुनाव मतपत्र से कराने की जोरदार वकालत की। यहां एआईसीसी सत्र को संबोधित करते हुए खड़गे ने मोदी सरकार पर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी संपत्तियों को बेचने और लोकतंत्र को धीरे-धीरे खत्म करने का आरोप लगाया।

खड़गे ने कहा , “पूरी दुनिया ईवीएम से बैलेट पेपर की ओर बढ़ रही है, लेकिन हम ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं । यह सब धोखाधड़ी है। वे हमसे इसे साबित करने के लिए कहते हैं। आपने ऐसी तकनीकें तैयार की हैं, जिससे सत्ताधारी पार्टी को फायदा होता है और विपक्ष को नुकसान होता है।” उन्होंने यहां साबरमती नदी के तट पर आयोजित सत्र में अपने उद्घाटन भाषण में कहा, लेकिन इस देश के युवा उठेंगे और कहेंगे कि हमें मतपत्र चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “महाराष्ट्र में क्या हुआ। हमने हर जगह इस मुद्दे को उठाया, राहुल गांधी ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया। उन्होंने किस तरह की मतदाता सूची बनाई…महाराष्ट्र चुनाव एक धोखाधड़ी थी। हरियाणा में भी यही हुआ।”

खड़गे ने कहा कि भाजपा ने 90 प्रतिशत सीटें जीती हैं और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। खड़गे ने आरोप लगाया, ‘‘ महाराष्ट्र चुनाव जैसा धोखाधड़ी कभी नहीं हुआ , जिसका उद्देश्य लोकतंत्र को नष्ट करना था।’’ उन्होंने कहा, “हम इसके बारे में पता लगाएंगे। चोर हमेशा पकड़ा जाता है। हमारे वकील और नेता इसके लिए काम कर रहे हैं। हम इसकी कोशिश कर रहे हैं।” खड़गे ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से सत्तारूढ़ पार्टी संविधान पर हमला करती रही है। खड़गे ने कहा, ‘‘संवैधानिक संस्थाओं और सिद्धांतों पर हमला किया जा रहा है और हमें उनकी रक्षा के लिए लड़ना होगा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने संसद के बजट सत्र को अपनी मर्जी के अनुसार चलाया। खड़गे ने कहा, “अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता का नाम तो लिया लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया। लोकतंत्र में यह शर्मनाक है। अगर आप विपक्ष के नेता को बोलने नहीं देंगे तो आप लोगों को अपनी आवाज़ कैसे उठाने देंगे।

” खड़गे ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर हुई बहस का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि लोगों के मुद्दों पर बहस करने के बजाय सरकार ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के अपने एजेंडे के लिए देर रात तक बहस आयोजित की। खड़गे ने कहा कि उन्होंने बताया कि मणिपुर पर चर्चा सुबह चार बजे हुई और उन्होंने अनुरोध किया कि इसे अगले दिन कराया जाए लेकिन सरकार सहमत नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि सरकार कुछ छिपाना चाहती है। खड़गे ने आरोप लगाया, ‘‘लोकतंत्र धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष को संसद में अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने का मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि संसाधनों को कुछ खास पूंजीपतियों को सौंपकर एकाधिकार स्थापित किया जा रहा है। खड़गे ने यह भी आरोप लगाया कि निजीकरण के जरिए एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण खत्म किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अगर यह जारी रहा तो मोदी सरकार और मोदी पूरे देश को बेच देंगे।’’ उन्होंने दावा किया कि यह सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को संसाधन सौंप रही है जो राष्ट्रीय हितों के भी खिलाफ हैं। खड़गे ने भाजपा-आरएसएस पर सांप्रदायिकता को हवा देने के लिए 500 साल पुराने मुद्दे उठाने का आरोप लगाया।

आरएसएस प्रमुख ने अपने लोगों से मस्जिदों के नीचे ‘शिवलिंग’ न ढूंढने को कहा था, लेकिन वे ऐसा करना जारी रखते हैं और लोगों को बांटते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी आग लगाते हैं और आरएसएस के लोग उसमें घी डालते हैं।’’ उन्होंने भाजपा पर “दलित विरोधी मानसिकता” रखने का आरोप लगाया, क्योंकि उसके नेता ने राजस्थान के अलवर में राम मंदिर में कांग्रेस के टीकाराम जूली के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के बाद मंदिर को “शुद्ध” करने के लिए वहां गंगा जल छिड़का था।

खड़गे ने देशव्यापी जाति जनगणना की भी जोरदार वकालत की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी राजनीतिक लाभ के लिए ओबीसी दर्जे का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उनके कल्याण के लिए कदम नहीं उठाते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने और एलपीजी सिलेंडर की कीमत बढ़ाने को लेकर भी सरकार की आलोचना की। इससे पहले कांग्रेस ने एक शोक प्रस्ताव पारित कर उन कांग्रेस सदस्यों को श्रद्धांजलि दी, जिनका फरवरी 2023 के रायपुर सत्र के बाद निधन हो गया। पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका पिछले वर्ष दिसंबर में निधन हो गया था।

कांग्रेस बुधवार को यहां साबरमती नदी के तट पर अपना अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अधिवेशन आयोजित कर रही है, जिसके दौरान पार्टी कम से कम दो प्रस्तावों के माध्यम से अपने सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विचार प्रस्तुत करेगी।

अहमदाबाद सत्र, जिसका विषय “न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष” है, में 1,700 से अधिक निर्वाचित और सह-चयनित एआईसीसी सदस्य भाग ले रहे हैं।

यह बैठक कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की विस्तारित बैठक के एक दिन बाद हुई है जिसमें सत्र के एजेंडे को अंतिम रूप दिया गया तथा पारित किए जाने वाले प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई।

समर्थन जुटाने के लिए राष्ट्रवादी हस्तियों के नाम पर भाजपा द्वारा चलाए जा रहे जोरदार अभियान का जवाब देते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत पर अपना दावा पेश किया और भाजपा-आरएसएस के साथ “वैचारिक युद्ध” में उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।

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