
मुंबई, 28 जुलाई 2025
महाराष्ट्र में आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं के लिए विशेष रूप से शुरू की गई लड़की बहिन योजना में एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। 14,000 पुरुषों ने फर्जी दस्तावेजों के साथ वित्तीय लाभ प्राप्त किया। महिला एवं बाल विकास विभाग के एक ऑडिट में यह खुलासा हुआ।
ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया में हेरफेर करके खुद को महिला के रूप में पंजीकृत करने वाले 14,298 पुरुषों को लड़की बहिन योजना के तहत 21.44 करोड़ रुपये दिए गए। इसके अलावा, ऑडिट में कहा गया है कि इस योजना के लॉन्च होने के एक साल के भीतर लाखों अपात्र लाभार्थियों को भुगतान करके राज्य को 1,640 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस बीच, पिछले साल फरवरी में शुरू की गई लड़की बहिन योजना के तहत, 21 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जाते हैं यदि उनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है।
हालांकि, ऐसा लगता है कि पुरुषों ने झूठे दस्तावेजों से लाभ उठाया। साथ ही, नियम है कि इस योजना में प्रति परिवार केवल दो महिलाओं को ही लाभ दिया जाना चाहिए। लेकिन ऑडिट में पता चला कि एक ही परिवार की 7.97 लाख से अधिक महिलाएं तीसरी लाभार्थी थीं। इससे सरकारी खजाने को 1196 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा, यह पाया गया कि 65 वर्ष से अधिक आयु की 2.87 लाख महिलाओं को आयु सीमा निर्दिष्ट होने के बावजूद इस योजना का लाभ मिल रहा था।
इस घोटाले के खुलासे पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लड़की बहन योजना केवल गरीब महिलाओं की मदद के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने चेतावनी दी कि पुरुषों को इसका लाभार्थी बनाने का कोई कारण नहीं है, उन्हें दिया गया पैसा वापस ले लिया जाएगा और अगर वे सहयोग नहीं करते हैं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। एनसीपी (सपा) सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी.. उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले के पीछे एक बड़ी साजिश है। ‘पुरुषों ने फॉर्म कैसे भरे? किसने उनकी मदद की? किस कंपनी को पंजीकरण का ठेका दिया गया था? उस कंपनी की जांच होनी चाहिए।’






