लखनऊ, 17 अप्रैल 2025:
बसपा मुखिया मायावती ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी को नसीहत दी है। संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति न करने की सलाह देते हुए कहा है कि जिनकी वजह से किसी लायक बने हैं उन महापुरुषों के संघर्ष बताएं तो बेहतर है दूसरों के इतिहास पर टीका टिप्पणी न करें।
सपा मुखिया का बिना नाम लिए लगाए गंभीर आरोप
बसपा मुखिया सुबह होते ही अपने एक्स अकाउंट पर सक्रिय हुईं। उन्होंने अपनी बातों को सिलसिलेवार कहा और निशाने पर समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया ही रहे। हालांकि उन्होंने अखिलेश यादव का नाम नहीं लिया लेकिन इशारा जरूर उधर ही रहा।
सपा कर रही संकीर्ण स्वार्थ से भरी राजनीति
मायावती ने अपनी पोस्ट में कहा कि अन्य पार्टियों की तरह आए दिन सपा भी पार्टी के ख़ासकर दलित लोगों को आगे करके तनाव व हिंसा का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए अति विवादित बयानबाजी, आरोप-प्रत्यारोप व कार्यक्रम आदि का दौर चल रहा है। जो इनकी घोर संकीर्ण स्वार्थ से भरी राजनीति ही प्रतीत होती है।
दूसरों का इतिहास न कुरेदें, अपने महापुरुषों का संघर्ष बताएं जिन्होंने किसी लायक बनाया
ऐसी पार्टियों से जुड़े अवसरवादी दलितों को दूसरों के इतिहास पर टीका-टिप्पणी करने की बजाय यदि वे अपने समाज के सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों की अच्छाईयों एवं उनके संघर्ष के बारे में बताएं तो यह उचित होगा, जिनके कारण ये लोग किसी लायक़ बने हैं।
सपा के राजनीतिक हथकंडों से बचकर रहें दलित मुस्लिम व पिछड़े
सपा भी दलितों के वोटों के स्वार्थ की खातिर किसी भी हद तक जा सकती है। अतः दलितों के साथ-साथ अन्य पिछड़ों व मुस्लिम समाज आदि को भी इनके किसी भी उग्र बहकावे में नहीं आकर इन्हें इस पार्टी के भी राजनीतिक हथकण्डों का शिकार होने से ज़रूर बचना चाहिए।
