अइज़ोल, 21 मई 2025
देश में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक उपल्बधि हांसिल करते हुए मिजोरम देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मंगलवार को एक समारोह में गर्व के साथ यह घोषणा की। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मंगलवार का दिन मिजोरम राज्य की यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। बता दे कि मिजरोम की साक्षरा दर बीते 14 सालों में 91.33 फीसदी से बढ़कर 98.2 फीसदी पहुंच गई है।
मुख्यमंत्री ने अपनी भाषण में इस बात पर जोर दिया कि यह उपलब्धि महज एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि “एक परिवर्तनकारी मील का पत्थर है, जो हमारे लोगों की सामूहिक इच्छाशक्ति, अनुशासन और दूरदर्शिता को दर्शाता है।”
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री जयंत चौधरी और राज्य के शिक्षा मंत्री वनलालथला भी उपस्थित थे। इस क्षण के गौरव को दोहराते हुए, लालदुहोमा ने घोषणा की: “हमें प्रथम होने पर गर्व है, और हम सर्वश्रेष्ठ बने रहने के लिए काम करेंगे।” उन्होंने एक प्रेरक दृष्टिकोण के साथ समापन किया: “इस घोषणा से सीखने और सशक्तीकरण की एक नई लहर प्रज्वलित होगी। साथ मिलकर, हम आगे बढ़ेंगे – एक स्मार्ट, मजबूत और अधिक समावेशी मिज़ोरम की ओर।”
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर मिजोरम की सराहना की। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से समावेशी विकास के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को सराहा और विश्वास व्यक्त किया कि मिजोरम आजीवन शिक्षा और कौशल विकास में अग्रणी बना रहेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह न केवल मिजोरम के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का दिन है।” उन्होंने शिक्षा और सशक्तिकरण में उत्कृष्टता की ओर राज्य की निरंतर यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।
मिजोरम को प्रथम पूर्ण साक्षर राज्य के रूप में मान्यता शिक्षा मंत्रालय की उल्लास पहल के तहत दी गई, जिसके तहत न्यूनतम 95 प्रतिशत जनसंख्या की साक्षरता दर अनिवार्य है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस 2023-2024) के अनुसार, मिजोरम 98.2 प्रतिशत की साक्षरता दर तक पहुँच गया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि स्कूल शिक्षा विभाग, विशेष रूप से समग्र शिक्षा और न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम (नव भारत साक्षरता कार्यक्रम) के माध्यम से निरंतर प्रयासों का परिणाम है।
राज्य सरकार ने राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अंतर्गत एक शासी परिषद और कार्यकारी समिति की स्थापना की, जिसमें समग्र शिक्षा मिजोरम के अंतर्गत राज्य परियोजना कार्यालय इस पहल का नेतृत्व कर रहा है। मिशन को समर्थन देने के लिए, एससीईआरटी के तहत राज्य साक्षरता केंद्र (एससीएल) की स्थापना की गई। इसने लॉन्ग्टलाई जिले के शिक्षार्थियों के लिए वर्टियन नामक मिज़ो भाषा सीखने की सामग्री के साथ-साथ अंग्रेजी संस्करण भी विकसित किया।
शिक्षार्थियों के लिए रोमी और स्वयंसेवी शिक्षकों के लिए मार्गदर्शक जैसे अतिरिक्त संसाधन बनाए गए। क्लस्टर संसाधन केंद्र समन्वयकों (सीआरसीसी) ने न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम के लिए सर्वेक्षणकर्ता के रूप में काम किया, जिसमें 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के 3,026 निरक्षर व्यक्तियों की पहचान की गई, जिनमें से 1,692 ने सीखने की इच्छा व्यक्त की। 2011 की जनगणना के अनुसार, केरल में साक्षरता दर 93.91 प्रतिशत और मिजोरम में 91.58 प्रतिशत थी, जो देश के सबसे साक्षर राज्यों में से एक है। 2011 की जनगणना के अनुसार, राष्ट्रीय साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत थी।