नई दिल्ली, 8 फरवरी 2025
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में ऐसे कैदियों के बारे में देशवार आंकड़े साझा किए। ‘वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन और दोषी करार दिए गए भारतीयों की कुल संख्या’ शीर्षक के अंतर्गत साझा किए गए आंकड़ों में 86 देशों के आंकड़े शामिल हैं, जिनमें सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, नेपाल, पाकिस्तान, अमेरिका, श्रीलंका, स्पेन, रूस, इजरायल, चीन, बांग्लादेश और अर्जेंटीना शामिल हैं।
उनके जवाब में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2,633 भारतीय कैदी सऊदी अरब की जेलों में हैं और 2,518 ऐसे कैदी संयुक्त अरब अमीरात की जेलों में हैं।
आंकड़ों के अनुसार, नेपाल की जेलों में 1,317 भारतीय कैदी हैं, जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका में यह संख्या क्रमशः 266 और 98 है।
सिंह ने कहा, “मंत्रालय के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 10,152 है।”
सरकार से पूछा गया कि क्या यह बात उसके संज्ञान में आई है कि फीफा विश्व कप के बाद बड़ी संख्या में भारतीय, विशेषकर केरल के लोग कतर की जेलों में बंद हैं।
सिंह ने कहा, “मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कतर की जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 611 है। हालांकि, सख्त गोपनीयता कानूनों के कारण, कतर सरकार कैदियों के बारे में जानकारी तब तक साझा नहीं करती है जब तक कि संबंधित व्यक्ति ऐसी जानकारी के प्रकटीकरण के लिए सहमति न दे। इसलिए, भारतीय कैदियों का राज्यवार डेटा उपलब्ध नहीं है।”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा, सरकार ने विश्व कप के बाद कतर की जेलों में भारतीय कैदियों की संख्या में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी है।”
मंत्री ने कहा कि विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी का मुद्दा विदेश में भारतीय मिशन और पोस्ट द्वारा स्थानीय अधिकारियों के साथ नियमित रूप से उठाया जाता है।
“विदेश स्थित मिशन/केंद्र भी यथाशीघ्र जांच और न्यायिक कार्यवाही पूरी करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों से संपर्क करते हैं। सरकार अन्य देशों के साथ वाणिज्य दूतावास और अन्य परामर्शों के दौरान भी इस मुद्दे पर चर्चा करती है।
उन्होंने कहा, “इसके अतिरिक्त, सरकार विदेशों में अपने मिशनों/केंद्रों के माध्यम से तथा उच्च स्तरीय यात्राओं के दौरान विदेशी देशों में भारतीय कैदियों की सजा में माफी/परिवर्तन के लिए भी प्रयास करती है। भारत ने कई देशों के साथ कैदी स्थानांतरण संधियां भी की हैं, जिसके तहत किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति को जेल की सजा काटने के लिए उसके गृह देश में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाती है।”