Uttrakhand

डीएम के सामने बिलख पड़ी मां, कहा… नशे में पीटते हैं बेटे, दो घंटे में लगा गुंडा एक्ट, होंगे जिला बदर

देहरादून, 25 अगस्त 2025 :

उत्तराखंड में देहरादून के डीएम सविन बंसल एक मां के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे बेटों की करतूत सुनकर भावुक हुए और नाराज भी। उन्होंने एक बुजुर्ग महिला को निर्दयता से बचाने के लिए बेटों पर तत्काल गुंडा एक्ट लगाने का आदेश जारी किया। अब बेटों को कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा। पक्ष नहीं रखा तो उन्हें जिलाबदर भी होना पड़ सकता है।

दरअसल देहरादून के भागीरथपुरम क्षेत्र में बंजारावाला में रहने वालीं विजयलक्ष्मी पंवार के पति का निधन हो चुका है। घर मे उनके दो बेटे भी रहते है। बेटा शुभम व उसका भाई कई-कई दिन गायब रहते हैं और जब घर आते हैं तो मां की शामत आ जाती है। आजिज आ चुकी मां विजयलक्ष्मी बेटों की शिकायतों का पुलिंदा लेकर 22 अगस्त को डीएम सविन बंसल के पास पहुंच गई। अपना दर्द कहते-कहते वो बिलख पड़ीं।

उन्होंने डीएम को बताया कि उनके दोनों बेटे नशे के आदी हैं और आए दिन उनसे मारपीट कर पैसे की मांग करते हैं। कई बार स्थानीय पुलिस और पार्षद ने समझाने की कोशिश की, लेकिन हालात और बिगड़ते चले गए। महिला का आरोप है कि दोनों बेटे अब उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। वो लात घूंसों के साथ लाठी डंडे से पीटते हैं कोई बचाने आता है तो उससे भी झगड़ा करते है। उनकी जिंदगी नर्क बन गई है। हर समय जान जाने का खतरा बना रहता है। उन्हें पालकर बड़ा किया, ये नहीं सोचा था कि अपने बेटों के हाथों से मार खानी पड़ेगी।

बेटों की करतूतें और वृद्ध मां की फरियाद सुनकर डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मामले की गोपनीय जांच कराई। पड़ोसियों और जनप्रतिनिधियों व स्थानीय लोगों ने भी पुष्टि की कि बेटे शुभम पंवार और उसका भाई अपनी मां के साथ लगातार मारपीट करते हैं और नशे में धुत होकर गाली-गलौज व उत्पीड़न करते हैं। इसके बाद जिलाधिकारी ने वृद्ध मां की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए महज दो घंटे के भीतर ही गुंडा एक्ट के तहत मामला दर्ज करवा दिया।

अब विजयलक्ष्मी के दोनों बेटों को नोटिस जारी कर दी गई है। आदेश के मुताबिक दोनों को 26 अगस्त को डीएम कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा। यदि वे समय पर स्पष्टीकरण नहीं देते, तो जिला बदर की कार्रवाई की जा सकती है। डीएम सविन बंसल ने कहा कि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के जन सेवा संकल्प से प्रेरित होकर की गई है। जिले में पहली बार थाना, कचहरी और वकीलों की लंबी प्रक्रिया को दरकिनार कर सीधे गुंडा एक्ट 1970 की विशेष शक्तियों का प्रयोग किया गया है।

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