गोरखपुर, 4 दिसंबर 2025:
सीएम व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने श्री गोरक्षपीठ द्वारा संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद, गोरखपुर के ‘संस्थापक-सप्ताह समारोह-2025’ का आगाज किया। सीएम ने इससे पूर्व शोभायात्रा को दीप प्रज्वलित कर अखण्ड ज्योति रथ को श्री गोरखनाथ मंदिर से रवाना किया।
बता दें कि सीएम योगी गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद (MPSP) के मुख्य संरक्षक भी हैं। संस्थापक सप्ताह समारोह, परिषद के संस्थापक ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और विस्तारक ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की स्मृतियों में आयोजित किया जाता है। इस शिक्षा परिषद की स्थापना सीएम योगी एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने की थी। समारोह में 50 से अधिक संस्थानों के विद्यार्थी व उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने हिस्सा लिया। शोध पत्रिका ‘दिग्विजयम’ व ‘सोनमछरिया’ का विमोचन किया गया।
सीएम ने कहा कि भारतीय संस्कृति में अयोग्य किसी को नहीं कहा गया। अयोग्य शब्द मनुष्यता पर ही सवाल उठाता है। संस्थाएं योजक की भूमिका निभाती हैं। होता है वही जो भाव होता है। भारतीय मनीषा हमेशा भावों को व्यक्त करती है। सभी शिक्षण संस्थाएं कुछ न कुछ नया करती रहें। कोई कुष्ठ रोगियों की सेवा कर रहा है। कोई थारू कोई वनटांगिया समुदाय की सेवा कर रहा है। यही हमारी राष्ट्र की सेवा है।
सीएम ने कहा कि पीएम ने हर व्यक्ति के लिए लक्ष्य रखा था। उनके बताए विजन 2047 में आत्मनिर्भर विकसित भारत का संकल्प लिया गया है। भारत को महाशक्ति बनाने में सबका योगदान हो। कहीं अभाव न हो कोई आपदा का शिकार न हो हर व्यक्ति पंच प्रण पर ध्यान दे। ये शाश्वत मंत्र है ये सब पर लागू होता है। पहला प्रण विरासत पर गौरव करना राम मंदिर निर्माण और ध्वजारोहण भी इसी का हिस्सा है। दूसरा प्रण गुलामी के अंशों को समाप्त करना है। 400 साल पहले दुनिया की अर्थव्यवस्था में 26 फीसदी हिस्सा था और आजादी से पहले सिर्फ डेढ़ प्रतिशत रह गई। लुटेरों ने भारत को खोखला बना दिया। बीते 11 साल में भारत को भारत के रूप में पहचाना गया।
योगी ने कहा कि आज दुनिया मानती है कि भारत सबसे तेज आगे बढ़ने वाला देश बन गया है। आज वो तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। गुलामी के अंश हट गए है। तीसरे प्रण में अपने सैन्य बलों का सम्मान करना है। हम चैन की नींद इसलिए सोते हैं कि हमारा सैनिक वर्दीधारी जवान सतर्क होकर अपनी ड्यूटी करता है। चौथा प्रण सामाजिक विद्वेष भेदभाव को मिटाना है। पांचवा अंतिम प्रण अपने नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करना है। कानून सबके लिए है ये भाव होना चाहिए। नागरिक कर्त्तव्य तभी पूरे होते हैं। जब छात्र शिक्षा के साथ संस्कार ग्रहण करे। यही दायित्व हर नागरिक का है। पंच प्रण ही विजन 2047 को सफल बनाएगा।
सीएम ने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य से जुड़े हर पहलू को लेकर महाराणा प्रताप शिक्षा संस्थान आगे बढ़ रहा है। अपने संस्थापकों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए संस्थान आगे बढ़ रहा है। ये हमारा अनुशासन पर्व है। सीएम ने सभी से अपील की कि सब सीखे और दूसरों को सिखाए। हम जब अपना शताब्दी महोत्सव मनाएं तो अपने समाज के प्रति योगदान पर गर्व कर सकें।
लेफ्टिनेंट ने कहा कि असफलता से निराश नहीं होना। असफलता आपको सिखाएगी। आपके सामने आने वाली हर चुनौती आपको मजबूत व बुद्धिमान बनाएगी। अपने जीवन में अनुशासन, साहस व धैर्य को धारण करिए। एक अच्छा सैन्य अधिकारी बनने के लिए यह जरूरी है। जो विद्यार्थी जीवन मे अनुशासन को अपनाता है वो किसी भी समस्या का सामना कर सकता है। उन्होंने कहा-आज की दुनिया बहुत तेज गति से बदल रही है और आगे बढ़ रही है। तकनीक हमारा जीवन आसान बना रही है लेकिन हमें भटका भी रही है। ऐसे में तकनीकी समझ व मजबूत चरित्र हमें मजबूत बनाएगी।






