
महाकुंभ नगर , 22 जनवरी 2025:
धर्म, अध्यात्म और सनातन परंपरा के केंद्र महाकुंभ 2025 ने एक नई मिसाल कायम की जब मुंबई की रहने वाली मुस्लिम युवती शबनम शेख ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई और सनातन धर्म के प्रति अपने प्रेम को प्रकट किया। शबनम का महाकुंभ क्षेत्र में भव्य स्वागत किया गया, जिसमें पुष्पवर्षा और तिलक लगाकर उन्हें सम्मानित किया गया।

22 वर्षीय शबनम शेख मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की निवासी हैं, लेकिन उनका परिवार लंबे समय से मुंबई में रह रहा है। शबनम ने हिंदी, मराठी, अंग्रेजी और अरबी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया है। महाकुंभ के सेक्टर 16 स्थित अयोध्या तपस्वी छावनी में पहुंचने पर पीठाधीश्वर परमहंस आचार्य ने उनका स्वागत किया। शबनम ने संत महात्माओं के सानिध्य में श्रीमद्भागवत गीता और योग का अध्ययन करने की इच्छा व्यक्त की।

शबनम ने कहा कि सनातन धर्म की नारी शक्ति और समानता की परंपरा ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, “मैं लंबे समय से श्रीमद्भागवत गीता पढ़ रही हूं और योग का अभ्यास कर रही हूं। महाकुंभ में आकर मुझे जो अनुभव हुआ, उसे शब्दों में बयान करना कठिन है। यहां मुझे बहुत प्रेम और सम्मान मिला।”
शबनम की कहानी महाकुंभ के माध्यम से समानता, नारी शक्ति और सनातन धर्म की सार्वभौमिकता का संदेश देती है। उनका अनुभव लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।







