नागपुर, 22 मार्च 2025
महाराष्ट्र के नागपुर में हाल ही में भड़की हिंसा के सिलसिले में अधिकारियों ने शुक्रवार को 14 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जिससे इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 105 हो गई। हिरासत में लिए गए लोगों में 10 किशोर भी शामिल हैं, जो शहर में फैली अशांति की गंभीरता को रेखांकित करता है।पुलिस ने इन घटनाओं से संबंधित तीन अतिरिक्त प्राथमिकी रिपोर्ट (एफआईआर) भी दर्ज की हैं। यह हंगामा 17 मार्च को शुरू हुआ, जब अफ़वाह फैली कि विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेतृत्व में एक प्रदर्शन के दौरान “कुरान की एक आयत” वाली एक शीट जला दी गई थी।
छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान नागपुर के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी हुई।
नागपुर के पुलिस आयुक्त रवींद्र कुमार सिंघल ने गिरफ़्तारियों की पुष्टि करते हुए कहा, “दंगों के सिलसिले में शहर के विभिन्न इलाकों से चौदह आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है। इसके अलावा, तीन नई एफ़आईआर दर्ज की गई हैं।” उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में कर्फ़्यू हटाने का फ़ैसला उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया जाएगा।कमिश्नर सिंघल ने स्थिति का आकलन करने के लिए सिविल लाइंस स्थित पुलिस भवन में बैठक बुलाई। सिंघल ने घोषणा की कि जन सुविधा और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर गुरुवार (20 मार्च, 2025) दोपहर 2 बजे से नंदनवन और कपिल नगर थाना क्षेत्रों में आंशिक रूप से कर्फ्यू हटा लिया गया है। लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा और इमामबाड़ा में दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गई है, ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें।
हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) स्तर के तीन अधिकारी भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्य आरोपी फहीम खान के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले, नागपुर की एक स्थानीय अदालत ने हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 17 लोगों को शनिवार (22 मार्च) तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। रिमांड देते हुए अदालत ने अपराध की गंभीरता और आरोपियों के खिलाफ पेश किए गए पुख्ता सबूतों पर जोर दिया।