Lucknow City

कैंसर ट्रीटमेंट में आया नया मोड़, इस स्टडी ने खोला ‘हीलिंग’ का राज!

एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि योग, नेचुरोपैथी और हेल्दी डायट को कैंसर के इलाज में शामिल करने से मरीजों की इम्युनिटी और मानसिक स्थिति दोनों में सुधार देखा गया। इससे कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट भी कम हुए और जीवन की गुणवत्ता बेहतर हुई।

लखनऊ, 7 नवंबर 2025:

सोचिए, अगर कैंसर का इलाज सिर्फ दवाइयों से नहीं, बल्कि योग, नेचुरोपैथी और सही लाइफस्टाइल से भी मुमकिन हो तो? आयुष मंत्रालय की नई स्टडी ने ऐसा ही कुछ हैरान करने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन मरीजों ने कीमोथेरेपी के साथ योग और नेचुरोपैथी को अपनाया, उनकी रिकवरी तेज़ हुई, इम्युनिटी मजबूत बनी और साइड इफेक्ट्स तक कम हो गए।

क्या कहती है नई स्टडी?

यह स्टडी 18 महीनों तक 116 कोलन कैंसर (स्टेज 2 और 3) के मरीजों पर की गई। दो ग्रुप बनाए गए —पहले ग्रुप को केवल कीमोथेरेपी और सामान्य counselling दी गई, जबकि दूसरे ग्रुप को कीमोथेरेपी के साथ योग, नेचुरोपैथी और हेल्दी डायट भी दी गई। नतीजे हैरान करने वाले रहे! जिन मरीजों ने योग और नेचुरोपैथी अपनाई, उनके खून में हीमोग्लोबिन और वाइट ब्लड सेल्स (WBC) की मात्रा बढ़ी, जिससे उनकी इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग हुई। वहीं, ट्यूमर मार्कर सीईए का स्तर घटा और लिवर-किडनी फंक्शन में भी सुधार देखा गया।

योग से मिला मानसिक सुकून

स्टडी में यह भी पाया गया कि योग और ध्यान करने वाले मरीज कम तनावग्रस्त, कम डिप्रेस्ड और ज्यादा पॉजिटिव महसूस कर रहे थे। उनकी quality of life बेहतर हुई और वे खुद को पहले से ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करने लगे। सबसे बेहतर नतीजे 40 से 50 साल की उम्र के मरीजों में देखे गए। पुरुषों में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ी, जबकि महिलाओं में वाइट ब्लड सेल्स में सुधार हुआ।

क्या शामिल था थेरेपी में?

थेरेपी के तहत मरीजों को हल्के योगासन, प्राणायाम और साइक्लिक मेडिटेशन कराया गया।
नेचुरोपैथी में मिट्टी के पैक, हाइड्रोथेरेपी (जल-चिकित्सा) और मसाज का उपयोग किया गया।
डायट में बाजरा, फल, सब्जियां और नैचुरल फूड को अहम हिस्सा बनाया गया।

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस?

भारत में हर साल 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day) मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को कैंसर की रोकथाम, शुरुआती पहचान और इलाज के प्रति जागरूक बनाना है। यह शोध एक बड़ी उम्मीद जगाता है — कि अगर पारंपरिक चिकित्सा के साथ योग और नेचुरल हीलिंग को अपनाया जाए, तो कैंसर से लड़ाई पहले से कहीं आसान और असरदार हो सकती है।

डिस्क्लेमर: यह खबर केवल सामान्य जानकारी के आधार पर लिखी गई है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श लें। the hohalla इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button