
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 27 अगस्त 2025:
यूपी की शिवनगरी काशी में बुधवार को गणेश चतुर्थी के पर्व पर ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारों से गूंज उठी। वाराणसी के 56 विनायक सहित सभी प्रमुख गणपति मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्ति और उल्लास से सराबोर माहौल में हर कोई गजानन के दर्शन को आतुर दिखा।
काशीवासियों ने घर-घर में गणपति की प्रतिमा स्थापित कर सिंदूर चोला, जनेऊ और वस्त्र पहनाकर दूर्वा, मोदक, गुड़धानी और चूरमा का भोग अर्पित किया। गणेश जी के आशीर्वाद से बुद्धि, बल, विवेक और समृद्धि की कामना की गई। लोहटिया स्थित ऐतिहासिक बड़ा गणेश मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंदिर परिसर में विशेष मोदक प्रसाद का वितरण किया गया।
भक्तों का कहना है कि काशी के सबसे प्राचीन मंदिरों में शुमार बड़ा गणेश के दर्शन के बिना अन्य गणपति मंदिरों की यात्रा अधूरी मानी जाती है। एक श्रद्धालु लता दास ने बताया, “हर बुधवार को मैं यहां दर्शन के लिए आती हूं, लेकिन आज गणेश चतुर्थी और बुधवार का विशेष संयोग है। इसलिए बप्पा के दर्शन का उत्साह दोगुना है।” मंदिरों में गणपति की महिमा और करुणा, संतुलित बुद्धि का प्रतीक गजमुख स्वरूप भक्तों के जीवन में साकार हुआ। काशी में गणेश भक्ति का यह उत्सव देर रात तक जारी रहेगा।