भुवनेश्वर, 16 मार्च 2025
ओडिया साहित्य के सबसे प्रसिद्ध आधुनिकतावादी कवियों में से एक रमाकांत रथ का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। पद्म भूषण पुरस्कार विजेता ने रविवार को भुवनेश्वर के खारवेल नगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनकी कुछ उल्लेखनीय कृतियों में ‘केते दिनारा’, ‘अनेका कोठारी’, ‘संदीग्धा मृगया’, ‘सप्तम ऋतु’ और ‘सचित्रा अंधरा’ शामिल हैं।
कटक में जन्मे रथ ने 1957 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने से पहले रावेनशॉ कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया। हालांकि, उन्होंने अपना लेखन करियर जारी रखा। केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बाद वे ओडिशा के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए, जैसे कि भारत सरकार के सचिव। उन्हें 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1992 में सरस्वती सम्मान, 1990 में बिशुवा सम्मान और 2006 में भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण प्राप्त हुआ। उन्होंने 1993 से 1998 तक भारतीय साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष और 1998 से 2003 तक नई दिल्ली में भारतीय साहित्य अकादमी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।