नई दिल्ली, 15 मई 2025
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत ताबड़तोड़ सैन्य कार्यवाही और आर्थिक नुकसान के बाद पाकिस्तान एक बार फिर सीधे रास्ते में आ गया है। भारत व्दारा जबावी कार्यवाही में सिंधु जल संधि स्थगित करने से पाकिस्तान के हालात लगातार बिगड़े और अब जल संकट विकराल हो चला है। इसी के चलते इस्लामाबाद ने कथित तौर पर नई दिल्ली को एक पत्र लिखा है, जिसमें उसने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने सिंधु जल संधि के तहत अपने क्षेत्र में नदियों का प्रवाह फिर से शुरू करने के लिए नई दिल्ली को एक पत्र लिखा है।
बता दे कि सिंधु जल संधि एक महत्वपूर्ण जल-बंटवारा समझौता है जो छह दशकों से अधिक समय से कायम है। यह अनुरोध ऐसे समय में आया है जब भारत ने एक और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमले के बाद 1960 के समझौते को रोक दिया है। इस बार हमला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे।
भारत ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषाधिकार का हवाला देते हुए इस संधि को तब तक स्थगित रखा है जब तक कि इस्लामाबाद “विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से” आतंकवाद को अपना समर्थन समाप्त नहीं कर देता।
इस कदम का अनुमोदन सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने किया, जो सामरिक मामलों पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। यह पहली बार है जब नई दिल्ली ने विश्व बैंक की मध्यस्थता वाले समझौते पर रोक लगाई है।
भारत के विदेश मंत्रालय को भेजे गए पत्र में पाकिस्तानी मंत्रालय ने चेतावनी दी कि संधि को निलंबित करने से देश के भीतर संकट पैदा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने पहले संबोधन में सरकार की अडिग स्थिति को रेखांकित किया।