नई दिल्ली, 12 मई 2025
हर बार की तरह एक बार फिर पाकिस्तान का आतंकवादियों के साथ होना और उनके साथ पाकिस्तान सेना के उच्च अधिकारियों और नेताओं के संबंध होने का घिनौना चेहरा फिर से सामने आ गया है। दरअसल भारत व्दारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में कई आतंकवादी मारे गए जिनमें से एक मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अब्दुल रऊफ के अंतिम संस्कार में पाक सेन अधिकारी शामिल हुए हैं। अब इन अधिकारियों के नाम का खुलासा भारतीय रक्षा मंत्रालय ने किया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान के मुरीदके में आयोजित अंतिम संस्कार में अन्य मारे गए आतंकवादी और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अब्दुल रऊफ शामिल थे, जिन्हें अमेरिकी ट्रेजरी ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है।लेफ्टिनेंट जनरल फैयाज हुसैन, मेजर जनरल राव इमरान, ब्रिगेडियर मोहम्मद फुरकान (प्रशासन), पंजाब के विधायक उस्मान अनवर और मलिक सोहैब अहमद सहित पाकिस्तानी सेना और पुलिस के शीर्ष अधिकारी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अब्दुल रऊफ के जनाजे में शामिल हुए और नमाज अदा की।
ऑपरेशन सिन्दूर, जिसके कारण अब्दुल रऊफ की मौत हुई, ने नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया – पीओके में पांच: सावल नाला, सैयदना बिलाल, गुलपुर, बार्टिटेनाला और अब्बास; और पाकिस्तान में चार: भावलपुर, मुरीदके, सरजाल और महमूना जोया।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तान और पीओके में 21 आतंकी कैंपों की पहचान की गई है, जिनमें सावल नाला, सैयद ना बिलाल, मस्कर-ए-अक्सा, चेलाबंदी, अब्दुल्ला बिन मसूद, दुलई, गढ़ी हबीबुल्लाह, बतरासी, बालाकोट, ओघी, बोई, सेंसा, गुलपुर, कोटली, बराली, डुंगी, बरनाला, महमूना जोया, सरजाल, मुद्रिके और बहावलपुर शामिल हैं।
7 मई को मारा गया आतंकवादी खालिद अबू अकाशा पेशावर में रहते हुए अफगानिस्तान से पाकिस्तान में हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी में शामिल था। प्रशिक्षित लश्कर आतंकवादी जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय था और वापस भाग गया था। वह हाल ही में मुरीदके में लश्कर मुख्यालय में स्थानांतरित हुआ था और लश्कर की केंद्रीय समिति का हिस्सा था।